न्यूयॉर्क:उद्योगपति एलन मस्क ट्विटर के नए मालिक बन गए हैं और उन्होंने इस सोशल मीडिया कंपनी की कमान संभालते ही चार शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों को हटा दिया है, जिनमें भारतीय मूल के सीईओ (मुख्य कार्यकारी) पराग अग्रवाल और कानूनी मामलों के कार्यकारी अधिकारी विजय गड्डे भी शामिल हैं. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है.
इसके बाद एलन मस्क ने एक पोस्ट किया जिसमें लिखा है,'The Bird Is Freed'.
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपनी खबर में कहा कि मस्क ने बृहस्पतिवार को ट्विटर को खरीदने के 44 अरब अमेरिकी डॉलर के करार को अमलीजामा पहना दिया. खबर में इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से कहा गया है कि मस्क ने कम से कम चार शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों को हटाने के साथ ही ट्विटर से अधिकारियों की छुट्टी का सिलसिला शुरू कर दिया है.
खबर के मुताबिक, ट्विटर के जिन कार्यकारी अधिकारियों को हटाया गया है, उनमें अग्रवाल और गड्डे के अलावा मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल और जनरल काउंसिल सियान एजेट शामिल हैं. अग्रवाल को पिछले साल नवंबर में कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया था.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे और स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके अग्रवाल ने एक दशक से अधिक समय पहले ट्विटर में नौकरी शुरू की थी. उस समय कंपनी में 1,000 से भी कम कर्मचारी हुआ करते थे. न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, 'पिछले साल ट्विटर के सीईओ नियुक्त किए गए अग्रवाल की मस्क के साथ सार्वजनिक और निजी रूप से कहासुनी हो गई थी. मस्क ने कंटेंट मॉडरेशन (ऑनलाइन सामग्री की निगरानी और छंटनी की प्रक्रिया) के मामले में गड्डे की भूमिका की भी सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी.'
जानकारी के अनुसार ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल और मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सहगल ने कंपनी के सैन फ्रांसिस्को मुख्यालय को छोड़ दिया है. पराग अग्रवाल ने पिछले साल नवंबर में पदभार संभाला था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एलन मस्क ने पराग अग्रवाल और नेड सेगल को कंपनी से टर्मिनेट कर दिया. यही, नहीं कंपनी हेडक्वार्टर से भी उन्हें बाहर निकलवा दिया.
एलन मस्क ने इस साल 13 अप्रैल को ट्विटर खरीदने की घोषणा की थी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को 54.2 डॉलर प्रति शेयर के रेट से 44 अरब डॉलर में खरीदने का ऑफर दिया था. लेकिन तब स्पैम और फेक अकाउंट्स की वजह से उन्होंने उस डील को ही होल्ड पर रख दिया था. बाद में मस्क ने 8 जुलाई को डील तोड़ने का फैसला किया. इसके खिलाफ ट्विटर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस विवाद पर कोर्ट में सुनावई जारी है. इस बीच अक्टूबर महीने की शुरुआत में मस्क ने ट्विटर डील पूरी करने की बात कही.
बता दें कि एलन मस्क बुधवार को अचानक ट्विटर के सैन फ्रांसिस्को स्थित हेड क्वॉर्टर पहुंचे. इस दौरान वह अपने साथ एक सिंक भी लेकर गए जिसे देखकर हर कोई अचरज में पड़ गया. इसका वीडियो भी शेयर किया गया है. वहीं, अदालत के आदेश के अनुसार शुक्रवार तक 44 बिलियन डॉलर की इस डील को पूरा करना है. इसके साथ-साथ मस्क ने अपने ट्वीटर बायो में भी बदलाव किया है. उन्होंने पहले अपने ट्विटर प्रोफाइल में लोकेशन को 'ट्विटर हेडक्वॉर्टर' किया. इसके बाद उन्होंने डिसक्रिप्टर को 'चीफ ट्वीट' लिखा.
बैंकरों के साथ की थी बैठक: बता दें कि ट्विटर ऑफिस में पहुंचने से एक दिन पहले एलन मस्क ने मंगलवार को उन बैंकरों के साथ बैठक की थी, जो इस डील में फंड उपलब्ध करा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को ट्विटर के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर ने कर्मचारियों को एक मेल भेजकर सूचित किया था कि मस्क स्टाफ को संबोधित करने के लिए इस सप्ताह सैन फ्रांसिस्को मुख्यालय का दौरा करेंगे. शुक्रवार को लोग सीधे उन्हें सुन सकेंगे. बता दें कि डेलावेयर चांसरी कोर्ट के न्यायाधीश कैथलीन मैककॉर्मिक ने मस्क को शुक्रवार, 28 अक्टूबर को शाम 5 बजे तक यह डील कंप्लीट कर इसे क्लोज करने का आदेश दिया था.
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कौन हैं पराग अग्रवाल?: पराग अग्रवाल (parag agrawal) ने आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की है. वह कंप्यूटर साइंस में डॉक्टरेट प्राप्त हैं. उन्होंने कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से यह उपाधि प्राप्त की है. Yahoo, Microsoft और AT&T के साथ काम करने के बाद पराग ने ट्विटर ज्वाइन किया था. उन्हें इन तीनों कंपनियों में रिसर्च-ओरिएंटेड पद का अनुभव था. उन्होंने ट्विटर में एड-रिलेटेड प्रोडक्ट्स पर काम करने से शुरुआत की. लेकिन, बाद में वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने लगे. साल 2017 में उन्हें कंपनी का सीटीओ बनाया गया और तब से वह ट्विटर में थे.
(एक्सट्रा इनपुट भाषा)