काठमांडू : नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में बुधवार को 5.1 तीव्रता का भूकंप (earthquake in Nepal) आया, जिससे कई लोग सुरक्षा के लिए अपने घरों से बाहर निकल गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब 2.52 बजे 5.1 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र काठमांडू से 53 किमी पूर्व में था. भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी.
अखबार 'माय रिपब्लिका' की खबर के मुताबिक, भूकंप का केंद्र सिंधुपालचौक जिले में नेपाल-चीन सीमा पर था. खबर में कहा गया कि भूकंप काठमांडू घाटी और पड़ोसी जिलों में महसूस किया गया. किसी के हताहत होने या नुकसान की अभी कोई सूचना नहीं मिली है. नेपाल में अप्रैल 2015 में 7.8 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया था जिससे करीब 9,000 लोग मारे गए थे और 22,000 जख्मी हो गए थे. भूकंप से 8,00,000 मकानों और स्कूल की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा था.
वहीं, भारत के बिहार राज्य में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गए. भकूंप के झटके राजधानी पटना सहित राज्य के कई जिलों में महसूस किए गए हैं. नेपाल से सटे इलाकों में झटके महसूस किए गए. कई जिलों से झटके महसूस होने की पुष्टि हुई है. पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. फिलहाल मिली रही ताजा अपडे्टस के अनुसार भूकंप से किसी प्रकार के जान माल की हानि नहीं हुई है.
जानें क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है.
पढ़ें :इंडोनेशिया के सुमात्रा में शक्तिशाली भूकंप से एक व्यक्ति की मौत