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निज्जर विवाद पर जयशंकर की कनाडा को दो टूक- पेश करें सबूत, हम जांच करने को तैयार हैं

विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिटेन के पांच दिवसीय दौरे पर हैं. यहां उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान एक बार फिर भारत और कनाडा के संबंधों पर विस्तार से बात की. पढ़ें पूरी खबर... Canadian Prime Minister Justin Trudeau, India Canada Relation, Khalistani Terrorist Hardeep Singh Nijjar, External Affairs Minister

India Canada Relation
विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को लंदन में पत्रकार लियोनेल बार्बर से बातचीत करते हुए. (तस्वीर: ANI)

By ANI

Published : Nov 16, 2023, 7:54 AM IST

लंदन : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर भारत और कनाडा विवाद पर भारत का पक्ष स्पष्ट किया. उन्होंने कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कनाडाई सरकार को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का सबूत पेश करना चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपने दावों के समर्थन में सबूत पेश करना चाहिए.

बुधवार को पत्रकार लियोनेल बार्बर से बातचीत के दौरान जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि किसी आरोप के समर्थन में विश्वसनीय साक्ष्य होना चाहिए. यह महत्वपूर्ण है. विदेश मंत्री से पत्रकार ने पूछा कि क्या कनाडा ने हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का कोई सबूत है. विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई नहीं.

जयशंकर ने ट्रूडो के आरोपों के बारे में कई खुलासे भी किये. उन्होंने कहा कि कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली के साथ इस मामले में बात हुई है. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने कनाडाई सरकार से उनके पास मौजूद कोई भी सबूत साझा करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि भारत निश्चित रूप से जांच में सहयोग करना चाहता है.

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जांच के लिए जरूरी है कि सबूत उपलब्ध कराये जायें. जयशंकर ने कहा अब तक कोई सबूत उपलब्ध नहीं कराया गया है. उन्होंने कहा कि हम फैसला नहीं कर रहे हैं. कनाडा में जांच की जा रही है और वे जो भी सबूत देंगे उसपर गौर करेंगे. उन्होंने अबतक कोई सबूत नहीं दिया है.

जयशंकर ने कनाडाई राजनीति में खालिस्तान की वकालत करने वाले हिंसक और चरम राजनीतिक विचारों के व्यापक मुद्दे को संबोधित किया. विदेश मंत्री ने कहा कि हम महसूस करते है कि कनाडा राजनीति ने हिंसक और अतिवादी राजनीतिक विचारों को जगह दी है. ये राजनीतिक धारायें जो भारत में हिंसक तरीकों से अलगाववाद की वकालत करते हैं. इन लोगों को कनाडाई राजनीति में जगह मिल रही है.

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उन्होंने कहा कि यही वजह है कि कनाडा में भारतीय उच्चायोग सहित भारतीय राजनयिकों पर हमले हुए और वाणिज्य दूत जनरलों और अन्य राजनयिकों को धमकाया गया. और कनाडाई सरकार ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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