वाशिंगटन : अमेरिकी अभियोजकों ने शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लगे 37 आरोपों का खुलासा किया. ट्रंप के खिलाफ अमेरिका की सुरक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को अपने कब्जे में गैर कानूनी तरीके से रखने के आरोप हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक,राष्ट्रीय रक्षा सूचना से जुड़े 31 दस्तावेजों के लिए ट्रंप पर 31 आरोप लगाये गये हैं, इसके अलावा गोपनीय दस्तावेजों को अपने कब्जे में रखने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके सहयोगी वॉल्ट नौटा के खिलाफ पांच आरोप लगाये गये हैं. ट्रंप के ऊपर एफबीआई को झूठा बयान देने का भी आरोप है.
ट्रंप के कब्जे से मिली गुप्त अमेरिकी परमाणु कार्यक्रम वाली फाइल
संघीय अभियोग में कहा गया है कि ट्रंप ने गुप्त अमेरिकी परमाणु कार्यक्रम और हमले की स्थिति में संभावित घरेलू कमजोरियों के बारे में जानकारी वाले वर्गीकृत दस्तावेजों को गैर कानूनी तरीके से अपने कब्जे में रखा. आरोपों में यह भी कहा गया है कि जब इन दस्तावेजों को सरकारी एजेंसियों द्वारा ट्रंप से वापस मांगा गया तो उन्होंने इन्हें वापस करने से मना कर दिया. बल्कि उन्होंने इन दस्तावेजों को अपने कब्जे में रखने की कानूनी संभावनाओं पर अपने वकील से बात की.
ट्रंप ने वकील से पूछा- झूठ नहीं बोल सकते
आरोप में कहा गया है कि उन्होंने अपने वकील से कहा कि क्या वह एजेंसियों से दस्तावेजों के नहीं होने के बारे में झूठ बोल सकते हैं. आरोपों में कहा गया है कि कुछ दस्तावेजों को एक शौचालय के आसपास बक्सों में संग्रहीत किया गया था. जबकि कुछ दस्तावेज फ्लोरिडा में मार-ए-लागो रिसॉर्ट के आसपास रखे गये थे. 49 पन्नों के अभियोग के अनुसार, ट्रंप ने अपने एक वकील से पूछा था कि क्या यह बेहतर नहीं होगा अगर हम उन्हें कहें कि हमारे यहां कुछ भी नहीं है?
ट्रंप के दो वकीलों ने बिना कारण बताये केस छोड़ा
अभियोजकों ने कहा कि वर्गीकृत दस्तावेजों के अनधिकृत प्रकटीकरण ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और खुफिया विभाद के लिए जोखिम पैदा कर दिया है. न्याय विभाग ने ट्रंप के ऊपर लगे आपराधिक आरोपों को स्थानीय समय के अनुसार शुक्रवार को सार्वजनिक किया. इस बीच ट्रंप के दो वकीलों, जॉन रोवले और जिम ट्रस्टी ने बिना कोई कारण बताते हुए खुद को इस केस से अलग कर लिया. इस मामले में ट्रंप के एक पूर्व सहयोगी वॉल्ट नौटा को सह-साजिशकर्ता बनाया गया है.
मंगलवार को कोर्ट के सामने पेश होंगे ट्रंप
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में ट्रंप अपने 77वें जन्मदिन से एक दिन पहले मंगलवार को मियामी की एक अदालत में पहली बार पेश होंगे. जानकारों की माने तो आरोप इतने गंभीर हैं कि दोषी ठहराये जाने पर उन्हें अधिकतम 20 साल की जेल हो सकती है.