वाशिंगटन (अमेरिका):भारतवंशी अरुणा मिलर मंगलवार को अमेरिका की राजधानी से सटे मैरीलैंड में लैफ्टिनेंट गवर्नर का पद संभालने वालीं पहली भारतीय-अमेरिकी राजनेता बन गईं हैं. अमेरिका के लाखों मतदाताओं ने मंगलवार को गनर्वर, सेक्रेटरी ऑफ स्टेट और अन्य कार्यालयों के प्रमुख को चुनने के लिए मतदान किया था. मैरीलैंड हाउस की पूर्व डेलिगेट मिलर (58) ने डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर लेफ्टिनेंट गवर्नर के पद के लिए चुनाव लड़ा था. उनके साथ गवर्नर पद के लिए वेस मूर निर्वाचित हुए हैं.
पढ़ें: नेपाल में पिछले 24 घंटों में महसूस किये गये भूकंप के तीन झटके, 6 की मौत
अमेरिका में लेफ्टिनेंट गवर्नर, गवर्नर के बाद राज्य का सर्वोच्च अधिकारी माना जाता है. जब गवर्नर राज्य से बाहर होता है या सेवाओं में अक्षम होता है तो उनके स्थान पर यह भूमिका लेफ्टिनेंट गवर्नर संभालता है. यदि गवर्नर की मृत्यु हो जाती है, वह पद से इस्तीफा दे देता है या उसे किसी कारणवश पद से हटा दिया जाता है तो लेफ्टिनेंट गवर्नर, गवर्नर भी बन सकता है. मंगलवार शाम को मतदान खत्म होने के तुरंत बाद, मूर और मिलर को उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले निर्वाचित घोषित कर दिया गया.
पढ़ें: विश्व के नेताओं ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की वकालत की
राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस दोनों ने मूर और मिलर के पक्ष में प्रचार किया था. मिलर ने जीत के बाद अपने भाषण में कहा कि मैरीलैंड, आज रात आपने राष्ट्र को दिखाया कि लोकतांत्रिक मतदान होने पर एक छोटा लेकिन शक्तिशाली राज्य क्या कर सकता है. आपने विभाजन पर एकता को चुना, अधिकारों को सीमित करने पर अधिकारों के विस्तार का रास्ता चुना. आपने वेस मूर और मुझे अपना अगला गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर चुना है.
गवर्नर पद के लिए निर्वाचित मूर की पहचान एक नये राजनीतिक व्यक्ति के तौर पर है. जो मूल रूप से व्यवसायी और परोपकारी व्यक्ति हैं. सार्वजनिक सार्वजनिक पद पर कभी नहीं होने के बावजूद, मूर जल्दी ही डेमोक्रेट्स के बीच नये नेता के रूप में उभरे हैं. जिन्हें ओपरा विनफ्रे, राष्ट्रपति बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित राष्ट्रीय डेमोक्रेट और मशहूर हस्तियों के समर्थन को प्राप्त कर रहे हैं. इस चुनाव में एक और भारतीय-अमेरिकी मैरीलैंड राज्य में इतिहास रचने के लिए पूरी तरह तैयार है.
मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलीगेट्स की पूर्व सदस्य अरुणा मिलर डेमोक्रेटिक टिकट पर राज्य के उपराज्यपाल पद का चुनाव लड़ रही हैं. जानकारों की मानें तो वह जीतने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वह मैरीलेंड में इस पद के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय अमेरिकी होंगी. मूर की के ऐतिहासिक जीत के साथ ही लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में अरुणा मिलर का चुनाव हो जायेगा. अरुणा एक भारतीय-अमेरिकी महिला हैं जो मैरीलैंड में राज्यव्यापी कार्यालय संभालने वाली पहली अप्रवासी बन जाएगी.
अरुणा ने कहा कि हम इतिहास बनाने की इस दौड़ में नहीं हैं. हम इस दौड़ में हैं क्योंकि हमारे पास एक अनूठा अवसर है. अब हमारा समय है. अरुणा मिलर ने बुधवार सुबह एक ट्वीट में कहा कि वहां कोई जगह नहीं है बल्कि मैं मतदाताओं के साथ रहूंगी. हमारे समुदाय ने हमें इस अभियान में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए प्रेरित किया है और मैं आपकी प्रतिबद्धता और समर्थन के लिए अपना आभार शब्दों में व्यक्त भी नहीं कर सकती.
अरुणा मिलर के बारे में जानिए खास बातें
- 58 वर्षीय डेमोक्रेट के बारे में कहा जाता है कि उनकी जड़ें हैदराबाद में हैं और जब वह 7 साल की थीं, तब भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका जाकर बस गईं.
- 1989 में मिसौरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की और मॉन्टगोमरी काउंटी में स्थानीय परिवहन विभाग में 25 वर्षों तक काम किया.
- 2010 से 2018 तक, उन्होंने मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलीगेट्स में जिला 15 का प्रतिनिधित्व किया.
- 2018 में मैरीलैंड के 6वें कांग्रेसनल जिले में चुनाव लड़ीं और आठ उम्मीदवारों के भीड़ भरे मैदान में दूसरे स्थान पर रहीं.
- अरुणा की शादी डेव मिलर से हुई है, जिनसे उनकी तीन बेटियां हैं. वह वर्तमान में मोंटगोमरी काउंटी में रहती हैं.
पढ़ें: सर्गेई से मुलाकात के बाद जयशंकर बोले-रूस से जारी रखेंगे तेल-गैस की खरीद