खार्तूम:सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच लड़ाई से मरने वालों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है. द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार सूडानी डॉक्टर्स यूनियन के हवाले से जानकारी सामने आई है कि सूडान की राजधानी खार्तूम में संघर्ष तीसरे दिन भी जारी रहा, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 97 हो गई. समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बयान के हवाले से कहा कि हिंसा में करीब 600 नागरिक घायल हुए हैं.
सूडान में तनावपूर्ण स्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में व्यापक चिंता पैदा कर दी है. संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी संघ, अरब लीग और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है. सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच खार्तूम और अन्य शहरों में 15 अप्रैल को हिंसक झड़पें हुईं. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगाया. उत्तरी सूडान के मेरोवे क्षेत्र में 12 अप्रैल को आरएसएफ ने सैन्य वाहनों को सैन्य हवाई अड्डे के पास एक स्थान पर स्थानांतरित कर दिया.
इसे सेना ने अवैध माना. इसके बाद से ही दोनों सैन्य बलों के बीच तनाव बढ़ गया है. सूडानी सेना और आरएसएफ के बीच गहरे मतभेद सामने आए हैं, विशेष रूप से सैन्य और नागरिक नेताओं के बीच 5 दिसंबर 2022 को हस्ताक्षरित एक रूपरेखा समझौते में सेना में आरएसएफ के प्रस्तावित एकीकरण को लेकर. आरएसएफ का गठन 2013 में हुआ था और इसकी उत्पत्ति कुख्यात जंजावेद मिलिशिया में हुई थी, जिसने दारफुर में विद्रोहियों से क्रूरता से लड़ाई लड़ी थी.