बीजिंग: इस साल राजधानी पेइचिंग सहित उत्तरी चीन के कई शहरों और क्षेत्रों में भीषण गर्मी पड़ रही है. तापमान सामान्य से ऊपर चल रहा है. पेइचिंग, हबेई और थ्येनचिन आदि जगहों में रिकार्ड तोड़ गर्मी से लोग परेशान हैं. जून और जुलाई महीने में कई बार पारा 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है. इस तरह की गर्मी और लू चलना इन शहरों के लिए नया है. हालांकि, यहां गर्मी पड़ती है. लेकिन, इस वर्ष बहुत तेज और झुलसाने वाला मौसम बना हुआ है.
पेइचिंग व अन्य शहरों में गर्म मौसम के कारण रेड अलर्ट जारी करना पड़ा है. इसी से आप इन इलाकों में पड़ रही गर्मी का अंदाजा लगा सकते हैं. एक ओर उत्तरी चीन में गर्मी परेशान कर रही है, वहीं दक्षिण चीन में भारी बारिश ने कहर ढाया है. जबकि पड़ोसी देश भारत के उत्तरी राज्यों में बारिश और बाढ़ ने तबाही मचायी हुई है. आखिर क्या वजह है कि हाल के कुछ वर्षों से कई देशों में एक्स्ट्रीम वेदर कंडिशन सामने आ रही है. कहीं बाढ़ आती है, कहीं सूखा और कहीं भीषण गर्मी आदि.
गर्मी में हो सकता है इजाफा
मौसम विज्ञानी इस तरह के मौसम के लिए ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार बता रहे हैं. यह पहला मौका नहीं है जब विशेषज्ञ इस तरह के वेदर की ये वजह बता चुके हैं. इस बीच विश्व मौसम विज्ञान संगठन- WMO ने चेतावनी दी है कि विश्व के कई हिस्सों में तापमान व गर्मी में और इजाफा हो सकता है. क्योंकि सात वर्षों में पहली बार उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में अल नीनो मौसम पैटर्न उभर रहा है, जो स्थिति को बिगाड़ देगा.
डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेट्री तालास के मुताबिक अल नीनो की शुरुआत से विश्व के तमाम क्षेत्रों और समुद्र में तापमान बढ़ने का रिकार्ड टूटेगा. जिससे लोगों को झुलसाती गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. मौसम विज्ञान संगठन की चेतावनी गंभीर लगती है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से लगातार धरती का तापमान बढ़ रहा है और विपरीत मौसम परिस्थितियां सामने आ रही हैं.जिसके चलते जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.