बीजिंग : चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैक्कार्थी और ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन (Taiwanese President Tsai Ing-wen) के बीच इस सप्ताह हुई अहम बैठक के विरोध में 'रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी' और अन्य अमेरिकी एवं एशिया आधारित संस्थानों पर प्रतिबंध लगाया है. एक दिन पहले चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि यह एक 'खयाली पुलाव' है कि बीजिंग ताइवान को लेकर अपने रुख में समझौता करेगा. चीन के कड़े विरोध के बावजूद मैक्कार्थी के साथ साई की बैठक गुरुवार को हुई.
कैलिफोर्निया की सिमि वैली में 'रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी' उच्च-स्तरीय बैठक का स्थल है. मैक्कार्थी ने इस सप्ताह ताइवान की राष्ट्रपति साई के साथ बातचीत को लेकर यहां द्विदलीय बैठक की मेजबानी की थी. ताइवान की राष्ट्रपति और अमेरिकी अधिकारियों के बीच यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक थी. यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका-चीन संबंध ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुंच गया है तथा ताइवान एवं चीन के बीच तनाव बढ़ गया है. चीन अन्य देशों की सरकारों और ताइवान के बीच किसी भी आधिकारिक संवाद को ताइपे के वैश्विक दर्जे को ऊंचा उठाने के प्रयास के रूप में देखता है, इसलिए वह इस तरह के प्रयासों को ताइवान पर अपनी संप्रभुता के दावों का उल्लंघन मानता है.
चीन ने 'हडसन इंस्टीट्यूट' पर भी पाबंदी लगा दी है जिसने एक कार्यक्रम की मेजबानी की थी और 30 मार्च को साई को वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया था. प्रतिबंधित समूहों में ताइवान की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में उनकी भागीदारी के लिए एशिया-आधारित समूह- 'द प्रॉस्पेक्ट फाउंडेशन' और 'काउंसिल ऑफ एशियन लिबरल्स एंड डेमोक्रेट्स' शामिल हैं. चीन के राष्ट्रपति शी ने गुरुवार को बीजिंग में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन के साथ बैठक में कहा, 'ताइवान का मुद्दा चीन के मूल हितों के केंद्र में है. चीन की सरकार और चीनी लोग कभी भी ‘एक-चीन’ नीति के मुद्दे पर शोर शराबा करने वालों की राय से सहमत नहीं होंगे.'