हांगकांग : चीन और ताइवान के रिश्ते सामान्य होते नजर नहीं आ रहे हैं. खासतौर से ताइवान को लेकर चीन ज्यादा उग्र और उपहास पूर्ण स्टांस बनाये हुए हैं. ताइवान ने बीते 28 सितंबर को काऊशुंग में एक समारोह में लगभग 2,700 टन वजनी अपनी पहली स्वदेशी रक्षा पनडुब्बी (आईडीएस) का अनावरण किया. इसे लेकर भी चीन ने उपहासपूर्ण प्रतिक्रिया दी है. बता दें कि ताइवान ऐसी आठ पनडुब्बियों के निर्माण की योजना बना रहा है.
ताइवान के शीर्ष राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, वह चीन की बयानबाजी पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा है. ताइवानी नेतृत्व इस समय किसी भी संभावित संघर्ष में चीन की सेना के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश करने की तैयारी कर रहा है.
चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने ताइवान के पनडुब्बी कार्यक्रम को 'ज्वार को रोकने का प्रयास करने वाली झाड़ू' के रूप में वर्णित किया. उन्होंने इस प्रयास को 'मूर्खतापूर्ण बकवास' भी कहा. वरिष्ठ कर्नल वू ने कहा कि, चाहे ताइवान कितने भी हथियार बना ले, वे 'राष्ट्रीय पुनर्मिलन की सामान्य प्रवृत्ति को रोक नहीं पाएंगे.
उन्होंने कहा कि चीन ताइवान को एकीकृत करने के दृढ़ संकल्प से पीछे नहीं हटेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत क्षमताएं हमेशा बरकरार रहेंगी.