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कनाडा फिलहाल भारत के साथ झगड़ा नहीं, रचनात्मक तरीके से काम करना चाहता है: प्रधानमंत्री ट्रूडो

कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा, भारत के साथ लड़ाई नहीं चाहता है. लेकिन उन्होंने अपने आरोपों को एक बार फिर से दोहराया और कहा कि ओटावा इस गंभीर मामले पर नई दिल्ली के साथ रचनात्मक रूप से काम करना चाहता है. Canadian Prime Minister Justin Trudeau, Prime Minister Justin Trudeau, Khalistani separatist Hardeep Singh Nijjar.

By PTI

Published : Nov 12, 2023, 7:46 PM IST

Prime Minister Trudeau
प्रधानमंत्री ट्रूडो

ओटावा: प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने रविवार को कहा कि भारत के साथ कनाडा कोई झगड़ा नहीं चाहता है, बल्कि इसके साथ बहुत गंभीर मामले पर रचनात्मक तरीके से काम करना चाहता है. ट्रूडो ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में भारत पर वियना संधि को तोड़ने का आरोप लगाया, क्योंकि नई दिल्ली ने 40 से ज्यादा कनाडा के राजनयिकों की राजनयिक छूट वापस लेने की धमकी थी, जिसके बाद कनाडा को उन्हें भारत से वापस बुलाना पड़ा था.

ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को की गई हत्या में भारतीय एजेंट के शामिल होने की संभावना का आरोप लगाया था. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित कर दिया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुके और प्रेरित बताकर खारिज किए थे. प्रधानमंत्री ट्रूडो ने अपनी नई टिप्पणी में कहा कि उनकी सरकार ने भारत से संपर्क किया और उनसे इस मामले की तह तक जाने के लिए मिलकर काम करने को कहा.

उन्होंने मीडिया से कहा कि 'शुरू में ही जब हमें विश्वसनीय आरोपों के बारे में पता चला कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे, तो हमने भारत से संपर्क किया और उनसे इस मामले की तह तक जाने के लिए हमारे साथ काम करने को कहा.' उन्होंने कहा कि कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय कानून और लोकतंत्र की संप्रभुता के इस गंभीर उल्लंघन पर काम करने के लिए अमेरिका और अन्य अपने मित्रों और सहयोगियों से भी संपर्क किया और कहा कि इसे हम बहुत गंभीरता से ले रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'हम सभी साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे, जबकि कानून प्रवर्तन और जांच एजेंसियां अपना काम करती रहेंगी. कनाडा एक ऐसा देश है जो कानून के शासन के लिए सदैव खड़ा होगा, क्योंकि अगर ताकत फिर से सही होने लगी, अगर बड़े देश बिना किसी जवाबदेही के अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर सकते हैं, तो पूरी दुनिया सभी के लिए और अधिक खतरनाक हो जाएगी. प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि कनाडा इस अत्यंत गंभीर मामले पर भारत के साथ रचनात्मक रूप से काम करना चाहता है.

उन्होंने कहा कि 'शुरू से ही, हमने उन वास्तविक आरोपों को साझा किया है, जिनके बारे में हम काफी चिंतित हैं, लेकिन हमने इसकी तह तक जाने के लिए, इसे गंभीरता से लेने के वास्ते भारत सरकार और दुनिया भर के साझेदारों से संपर्क किया है. इसीलिए जब भारत ने वियना संधि का उल्लंघन किया और भारत में 40 से अधिक कनाडाई राजनयिकों की राजनयिक छूट को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया तो हम बहुत निराश हुए.

उन्होंने दोहराया कि 'यह मानने के गंभीर कारण हैं कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल हो सकते हैं.' ट्रूडो ने कहा कि 'भारत ने प्रतिक्रिया में वियना संधि के तहत कनाडाई राजनयिकों के अधिकारों का उल्लंघन करके उनके एक पूरे समूह को निकाल दिया. यह दुनिया भर के देशों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि अगर कोई देश यह निर्णय ले सकता है कि दूसरे देश के राजनयिक अब संरक्षित नहीं हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों को अधिक खतरनाक और गंभीर बनाता है.'

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में भारत से आग्रह किया है कि वह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा की जांच में सहयोग करे. इसके बाद प्रधानमंत्री ट्रूडू की टिप्पणी आई है. पिछले हफ्ते, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था कि नई दिल्ली ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर अमेरिकी पक्ष को अपनी गंभीर चिंताओं से अवगत कराया है.

क्वात्रा ने कहा कि 'जहां तक कनाडा का सवाल है, हम अपने सभी दोस्तों और साझेदारों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. इस मामले पर हमारी स्थिति को कई मौकों पर विस्तार से बताया और समझाया गया है.'

सितंबर में ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिनों बाद, भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से बंद कर दिया था और ओटावा से समानता सुनिश्चित करने के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने को कहा था. भारत ने एक महीने से ज्यादा वक्त बाद कनाडा में कुछ वीज़ा सेवाएं गत माह फिर से शुरू कीं.

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