लंदन : ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन (UK Prime Minister Boris Johnson) की कुर्सी जाने की अटकलों पर विराम लग गया है. सोमवार को संसद में पीएम बोरिस जॉनसन ने विश्वास मत जीत लिया. सदन में 211 में से 148 वोट जॉनसन को मिले. जानकारी के मुताबिक सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के 40 से ज्यादा सांसदों ने अपने ही पीएम के इस्तीफे की मांग की थी. जिसकी वजह से पीएम बोरिस को विश्वास मत का सामना करना पड़ा. बैलेट पेपर की निगरानी करने वाले पार्टी समिति के अध्यक्ष ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि बोरिस जॉनसन ने 211 में से 148 वोट हासिल किए.
विश्वास मत जीतने के बाद बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह एक 'निर्णायक' जीत है. हालांकि, उन्हें ब्रिटेन की पूर्व पीएम थेरेसा मे की तुलना में कम सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ. 2018 में थेरेसा मे के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में ब्रिटेन के 63 फीसदी सांसदों ने समर्थन किया था. बोरिस जॉनसन का कार्यकाल अगले छह महीनों में खत्म हो रहा है. ऐसे में जीत के बावजूद वह सिर्फ दिसंबर तक ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहेंगे.
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बोरिस को क्यों साबित करना पड़ा अविश्वास प्रस्ताव : लॉकडाउन के बीच 19 जून, 2020 को जॉनसन 56 साल के हुए थे. इस दौरान डाउनिंग स्ट्रीट में जॉनसन की पत्नी कैरी द्वारा पार्टी का आयोजन किया गया था. आरोप है कि इस कार्यक्रम में करीब 30 लोग शामिल हुए थे. लेकिन उस वक्त कोरोना लॉकडाउन लागू था, और कार्यक्रमों में दो से अधिक लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं थी. इस पूरे विवाद को पार्टीगेट घोटाला नाम दिया गया.
कोरोना प्रतिबंधों के वक्त डाउनिंग स्ट्रीट में कैबिनेट रूम में हुई पार्टी को लेकर बोरिस जॉनसन, उनकी पत्नी समेत कई लोगों पर जुर्माना लगाया गया था. जॉनसन ने पहले कहा था कि डाउनिंग स्ट्रीट में सरकारी गाइडलाइन का पालन किया था. इससे पहले यूके पीएम बोरिस जॉनसन की पत्नी कैरी जॉनसन ने पुष्टि की थी कि उन्होंने इस मामले में जुर्माना भरा है और माफी मांगी है. लेकिन इसके बाद भी उनकी कुर्सी खतरे में है. बोरिस के इस्तीफे मांग लगातार तेज होती जा रही है.