वाशिंगटन: अमेरिका में प्रभावशाली सांसदों के एक समूह ने सीनेट में एच-1बी और एल-1 वीजा कार्यक्रमों में व्यापक बदलाव लाने और विदेशी कर्मचारियों की भर्ती में अधिक पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से एक द्विदलीय कानून पेश किया है. एच-1बी वीजा अमेरिकी कंपनियों को विशेषकर तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले पेशे में विदेशी कर्मचारियों को रखने की अनुमति देता है. प्रौद्योगिकी कंपनियां इसके लिए हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों को भर्ती करती हैं.
एल-1 वीजा भी एक प्रकार का 'वर्क वीजा' है जो देश में काम करने की इच्छा रखने वाले पेशेवरों को जारी किया जाता है. एच-1बी वीजा उस व्यक्ति को जारी किया जाता है जो किसी अमेरिकी कंपनी से जुड़ना चाहते हैं, जबकि इसके विपरीत एल-1 वीजा उन लोगों को जारी किया जाता है जो पहले से ही किसी दूसरे देश में कंपनी द्वारा नियोजित हैं और जो केवल एक अमेरिकी कार्यालय में स्थानांतरित हो रहे हैं.
दो प्रभावशाली सांसदों डिक डर्बिन और चक ग्रासली ने इस कानून को अमेरिकी सीनेट में पेश किया है. वहीं, सांसद टॉमी ट्यूबरविल, बर्नी सैंडर्स, शेरोड ब्राउन और रिचर्ड ब्लूमेंथल ने इसे समर्थन दिया है. मंगलवार को एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया कि एच-1बी और एल-1 वीजा सुधार अधिनियम से आव्रजन प्रणाली में धोखाधड़ी और दुरुपयोग कम होगा, अमेरिकी श्रमिकों और वीजा धारकों को सुरक्षा मिलेगी और विदेशी कर्मचारियों की भर्ती में अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता होगी.