वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग राष्ट्रपति पद पर रहते हुए को पांचवीं बार सीधी बातचीत की. यह बातचीत करीब दो घंटे तक चली इस दौरान उन्होंने आर्थिक और भू राजनीतिक तनाव के बीच अपने जटिल रिश्तों के भविष्य पर चर्चा की. व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच अमेरिका के ‘इस्टर्न डेलाइट टाइम’ (ईडीटी) के अनुसार सुबह आठ बजकर 33 मिनट पर वार्ता शुरू हुई और यह पूर्वाह्न 10 बजकर 50 मिनट तक चलती रही. यह बातचीत ऐसे समय हुई जब बाइडन उभरती नयी वैश्विक ताकतों के साथ काम करने के तरीके तलाशने के साथ-साथ चीन का वैश्विक प्रभाव रोकने के लिए भी रणनीति बना रहे हैं.
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चाइना सेंट्रल टेलीविजन ने अपनी वेबसाइट पर खबर दी कि दोनों राष्ट्र प्रमुखों ने चीन-अमेरिका संबंधों और साझा चिंताओं पर गंभीरतापूर्वक वार्ता की और विचारों का आदान-प्रदान किया. गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच नवीनतम तनाव अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन ‘हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव’ की स्पीकर नैंसी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा को लेकर पैदा हुआ है. ताइवान स्वशासित द्वीप है जिसे चीन अपना हिस्सा मानता है. चीन ने कहा कि वह इस यात्रा को उकसावे की कार्रवाई के तौर पर देखेगा.
बीजिंग द्वारा जारी दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के विवरण के अनुसार, शी ने इस द्वीप पर चीन के दावे पर जोर दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो लोग आग से खेलते हैं वे इससे नष्ट हो जाएंगे. उम्मीद है कि अमेरिका इस बारे में स्पष्ट होगा. व्हाइट हाउस ने अभी तक कॉल पर अपना विवरण जारी नहीं किया है. इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बुधवार को पेलोसी की प्रस्तावित ताइवान यात्रा को लेकर चेतावनी दोहराई. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका अपनी ही राह पर चलने के लिए जोर देगा और चीन के मूल मुद्दों को चुनौती देगा, तो निश्चित तौर पर मजबूत जवाब मिलेगा. इसके नतीजों की सभी जिम्मेदारी अमेरिका की होगी.