नेतन्याहू ने कहा गाजा की 'समग्र सुरक्षा' की जिम्मेदारी अनिश्चित काल तक इजरायल की रहेगी - व्हाइट हाउस
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि युद्ध खत्म होने के बाद गाजा की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी होगी. इजरायली पीएम ने कहा कि वह अनिश्चित काल तक गाजा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे. overall security role in Gaza indefinitely, Netanyahu On overall security in Gaza indefinitely, security role in Gaza
इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू. (तस्वीर:AP)
खान यूनिस: इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास के साथ युद्ध के बाद अनिश्चित काल के लिए गाजा में सुरक्षा की समग्र जिम्मेदारी इजरायल की होगी. इजरायल के प्रधान मंत्री का यह बयान स्पष्ट संकेत है कि इजरायल तटीय क्षेत्र पर नियंत्रण बनाए रखने की योजना बना रहा है जो लगभग 2.3 मिलियन फिलिस्तीनियों का घर है.
सोमवार देर रात प्रसारित एबीसी न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले में हमास की ओर से पकड़े गये 240 से अधिक बंदियों में से कुछ की रिहाई की सुविधा के लिए लड़ाई में थोड़ा विराम लगाने की इच्छा व्यक्त की. लेकिन उन्होंने सभी बंधकों की रिहाई के बिना किसी भी सामान्य संघर्ष विराम से इनकार कर दिया. व्हाइट हाउस ने कहा कि सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति और इजरायली पीएम के बीच फोन पर बात हुई. हालांकि इस बातचीत के बाद भी मानवीय विराम को लेकर कोई सहमती नहीं बनी.
बता दें कि इजरायली सैनिक एक सप्ताह से अधिक समय से गाजा के अंदर फिलिस्तीनी आतंकवादियों से लड़ रहे हैं. क्षेत्र को आधा काटने और गाजा शहर को घेरने में सफल रहे हैं. युद्ध की भारी कीमत चुकानी पड़ी है. हवाई हमलों ने पूरे क्षेत्र में शहर के ब्लॉकों को नष्ट कर दिया है. लगभग 70 प्रतिशत आबादी को पलायन को मजबूर होना पड़ा है. कई लोगों ने घिरे हुए क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में जाने के इजरायली आदेशों का पालन किया है. गाजा के कई इलाकों में भोजन, दवा, ईंधन और पानी की कमी हो रही है और संयुक्त राष्ट्र की ओर से संचालित स्कूल-आश्रय भरे हुए हैं.
हमास की ओर से संचालित गाजा पट्टी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि फिलीस्तीन में मरने वालों की संख्या 10,000 से अधिक हो गई है, जिसमें 4,100 से अधिक बच्चे भी शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि 2,300 से अधिक लोग लापता हैं और माना जा रहा है कि वे नष्ट हुई इमारतों के मलबे में दबे हुए हैं. मंत्रालय नागरिकों और लड़ाकों के बीच अंतर नहीं करता है. इजरायल का कहना है कि उसने हजारों लड़ाकों को मार डाला है.