लाहौर : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भीड़ ने कम से कम 20 चर्च और ईसाइयों के 86 घरों को जला दिया और कुल 145 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. यह बात पुलिस ने अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए अभूतपूर्व हमले के संबंध में शुक्रवार को सरकार को सौंपी एक प्रारंभिक रिपोर्ट में कही है.
रिपोर्ट में उस भीड़ में कट्टरपंथी इस्लामी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) तत्वों की मौजूदगी का भी संकेत दिया गया है, जिसने बुधवार को लाहौर से लगभग 130 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले की जरांवला तहसील में हमला किया था. भीड़ इस खबर से नाराज थी कि दो ईसाइयों ने कुरान का अपमान किया है.
सरकार को सौंपी गई पंजाब पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है, 'जरांवला में भीड़ ने कम से कम 20 चर्च और ईसाइयों के 86 घरों को जला दिया. कुरान को अपमानित करने के आरोपी दो ईसाइयों को भी गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा, अब तक एक मौलवी सहित 145 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. उक्त मौलवी ने लोगों को ईसाई घरों पर हमला करने के लिए उकसाने के वास्ते पांच मस्जिदों से घोषणाएं की थीं.'
इससे पहले दिन में, पुलिस ने 127 संदिग्धों को फैसलाबाद में आतंकवाद रोधी अदालत के सामने पेश किया और उनकी दो दिन की हिरासत हासिल की. पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि पाकिस्तानी पुलिस ने हमलों में शामिल दो मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. नकवी ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दोनों ने प्रमुख संदिग्धों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
नकवी ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए एक पोस्ट में लिखा, 'जरांवला घटना में एक बड़ी सफलता-दोनों आरोपी सीटीडी की हिरासत में हैं. मुख्य सचिव पंजाब और आईजी पंजाब की उनके अथक प्रयासों के लिए सराहना...' इस बीच, ईसाई परिवार अपने घरों को लौटने लगे है और जहां उन्होंने पाया कि उनके घर खंडहर हो गए हैं. उन्होंने सरकार पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले से उनके जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने का आरोप लगाया.