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संयुक्त राष्ट्र की अदालत में अजरबैजान ने आर्मेनिया पर जातीय आधार पर हत्या का आरोप लगाया - Armenia

अजरबैजान के विदेश उपमंत्री ने आर्मेनिया पर जातीय आधारित हत्याएं और छह सप्ताह लंबे युद्ध के बाद पिछले साल के अंत में संघर्षविराम समझौता होने के बावजूद नागोर्नो-काराबाख इलाके में बारूदी सुरंगे बिछाना जारी रखने का आरोप लगाया. संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में युद्ध से जुड़े दूसरे मामले की सुनवाई शुरू होने के दौरान यह आरोप लगाया गया. अदालत ने पिछले सप्ताह अजरबैजान के खिलाफ आर्मेनिया की शिकायत पर सुनवाई की थी.

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Published : Oct 19, 2021, 6:32 PM IST

द हेग:अजरबैजान के विदेश उपमंत्री ने आर्मेनिया पर जातीय आधारित हत्याएं और छह सप्ताह लंबे युद्ध के बाद पिछले साल के अंत में संघर्षविराम समझौता होने के बावजूद नागोर्नो-काराबाख इलाके में बारूदी सुरंगे बिछाना जारी रखने का आरोप लगाया. संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में युद्ध से जुड़े दूसरे मामले की सुनवाई शुरू होने के दौरान यह आरोप लगाया गया.अदालत ने पिछले सप्ताह अजरबैजान के खिलाफ आर्मेनिया की शिकायत पर सुनवाई की थी. वह मामला भी पिछले साल की युद्ध से जुड़ा हुआ था जिसमें 6,600 से ज्यादा लोग मारे गए थे.

एल्नुर मम्मादोव ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को बताया कि 'अजरबैजान के लोगों के खिलाफ जातीय आधार पर हत्याएं और हिंसा भड़काने का अभियान जारी है.'अजरबैजान ने विश्व अदालत के न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि वह आर्मेनिया को बारूदी सुरंगे बिछाना बंद करने, अजरबैजान को बारूदी सुरंगों का नक्शा मुहैया कराने का निर्देश दे ताकि उन्हें सुरक्षित तरीके से हटाया जा सके और आर्मेनिया समूहों को जातीय घृणा भड़काने से रोकने तथा अजरबैजान के लोगों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कदम उठाएं.

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मम्मादोव ने कहा कि आर्मेनिया की सेना द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंगों ने युद्ध के दौरान और उसके बाद, अभी तक कम से कम 106 अजरबैजानी नागरिकों की जान ली है जिनमें से 65 असैन्य नागरिक हैं. गौरतलब है कि रूस की हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों के बीच फिलहाल संघर्षविराम समझौता लागू है. उन्होंने अदालत से कहा, 'आर्मेनिया के पास कोई वैध सैन्य या अन्य कारण नहीं है कि वह इस तरह से अजरबैजानी नागरिकों को परेशान करता रहे.' इस मामले को अजरबैजान अदालत तक लेकर आया है, उसका आरोप है कि आर्मेनिया की गतिविधियां जातीय भेदभाव के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव के खिलाफ है. वहीं आर्मेनिया ने अपने अलग मामले में कहा है कि अजरबैजान जिस तरीके से आर्मेनिया लोगों के साथ पेश आता है वह भी प्रस्ताव का उल्लंघन है.

(पीटीआई-भाषा)

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