लंदन : ब्रिटेन में शुक्रवार को द्वितीय विश्व युद्ध में यूरोपीय देशों की जीत की 75वीं वर्षगांठ मनाई गई. युद्ध में ब्रिटिश सेना की ओर से लड़ते हुए शहीद हुए लगभग 87 हजार भारतीयों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि अर्पित की गई.
इस दिन को द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के तौर पर याद किया जाता है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में ब्रिटेन का राज था. उस दौरान भारतीय सेना में लगभग 25 लाख जवान थे, जो कि सेना के इतिहास में सैनिकों की सर्वाधिक संख्या है.
कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन (सीडब्ल्यूजीसी) ने कहा, 'राष्ट्रमंडल देशों के समुदायों और पूरी दुनिया के लाखों लोगों ने द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सशस्त्र बलों में अपनी सेवाएं दीं और हजारों लोगों ने भूमि, समुद्र और वायु क्षेत्र के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.'
कमीशन ने इस संबंध में एक डिजिटल अभियान चलाते हुए लोगों से शहीदों का स्मरण करने की अपील की.
कमीशन ने कहा, 'भारतीयों ने भारत, बर्मा, मलेशिया, सिंगापुर, हांगकांग, मध्यपूर्व, उत्तरी अफ्रीका, यूनान, इटली समेत कई देशों में अपनी सेवाएं दीं. उन्होंने समुद्र और वायु क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने के साथ साथ चिकित्सा सहयोग भी दिया.'
कमीशन ने कहा, 'सीडब्लयूजीसी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों में सेवाएं देते हुए शहीद हुए 87 हजार से अधिक लोगों को याद करता है. सीडब्लयूजीसी यह सुनिश्चित करेगा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपनी सेवाएं देते हुए प्राण न्यौछावर करने वालों को कभी न भुलाया जाए.'
आठ मई 1945 को नाजी जर्मनी ने औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके साथ ही यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया था.
कोरोना वायरस के चलते, द्वितीय विश्वयुद्ध में यूरोपीय देशों की जीत से संबंधित समारोह पहले ही रद्द किए जा चुके हैं.
प्रिंस चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला ने हालांकि युद्ध के दौरान अपनी सेवाएं देने वाली महिलाओं और पुरुषों की याद में स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे मौन रखकर श्रद्धाजंलि दी. वहीं महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय शुक्रवार शाम इस संबंध में राष्ट्र को संबोधित करेंगी.