लंदन: ब्रिटेन के दो पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और जॉन मेजर ने एकजुट होकर रविवार को संसद सदस्यों से आह्वान किया कि वह ब्रेक्जिट अलगाव समझौते के कई हिस्सों को पलटने वाले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रस्तावित कानून का बहिष्कार करें.
भविष्य की सभी व्यापारिक वार्ताओं पर व्यापक प्रभाव होगा
इंटरनल मार्केट बिल पर सोमवार को संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में होने वाली बहस से पहले जॉनसन की अपनी ही कंजरवेटिव पार्टी के जॉन मेजर और विपक्षी लेबर पार्टी के ब्लेयर ने चेतावनी दी कि जो प्रधानमंत्री की तरफ से प्रस्तावित किया जा रहा है, वह चौंकाने वाला है. इसका न केवल यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ बल्कि अन्य देशों के साथ भविष्य की सभी व्यापारिक वार्ताओं पर व्यापक प्रभाव होगा.
द संडे टाइम्स में लेख लिख उठाए सवाल
दोनों ने द संडे टाइम्स में लिखे एक संयुक्त लेख में कहा कि यदि सरकार वापसी संधि के विशिष्ट भागों के बारे में चिंतित है, तो उनके सौहार्द्रपूर्ण समाधान के लिए तंत्र तैयार है. पहले उदाहरण में ब्रिटेन और ईयू के बीच बातचीत के माध्यम से और इसके विफल होने पर स्वतंत्र मध्यस्थता के माध्यम से समाधान किया जा सकता है. इन विकल्पों को नजरअंदाज कर वापसी संधि को अनिश्चित्ता में डाल दिया गया है. यूरोपीय संघ को यह सवाल करने के लिए ठोस कारण दिया है कि क्या ब्रिटेन पर यूरोपीय संघ के साथ भविष्य के किसी भी व्यापार समझौते को लेकर भरोसा किया जा सकता है अथवा नहीं?
दोनों 1990 से 2007 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे
कंजरवेटिव पार्टी के मेजर 1990 से 1997 तक प्रधानमंत्री रहे. इसके बाद लेबर पार्टी के ब्लेयर 1997 से 2007 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे. विधेयक उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल से संबंधित है, जोकि ब्रेक्जिट अलगाव समझौते का हिस्सा है. यदि यह विधेयक कानून बन जाता है तो यह ब्रिटेन के मंत्रियों को ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के बीच माल की आवाजाही से संबंधित नियमों को संशोधित करने अथवा 'नकारने' की शक्ति प्रदान करेगा, जोकि जनवरी 2021 से प्रभावी होगा.
पढे़ं-नेपाल में भूस्खलन से तीन की मौत, दर्जनों लोग लापता