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डेल्टा प्रकार : भारत पर यात्रा प्रतिबंध के समय को लेकर विपक्ष हमलावर, प्रधानमंत्री ने बचाव किया

ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने वायरस के डेल्टा स्वरूप के मामलों में वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा भारत से यात्रियों के आने पर रोक के फैसले को देरी से लागू करने को जिम्मेदार ठहराया. इसको लेकर प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि इस वायरस को चिंता का प्रकार श्रेणीबद्ध किए जाने से काफी पहले भारत को यात्रा प्रतिबंध की सूची में डाल दिया गया था.

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Published : Jun 16, 2021, 9:40 PM IST

लंदन : ब्रिटेन में विपक्षी लेबर पार्टी ने भारत को यात्रा प्रतिबंध वाली 'लाल सूची' में जोड़ने में कथित तौर पर विलंब के लिए बुधवार को संसद में सरकार पर हमला किया. विपक्ष का दावा है कि इससे ब्रिटेन में वायरस के डेल्टा प्रकार संक्रमण में बढ़ोतरी हुई.

हाउस ऑफ कॉमंस में प्रधानमंत्री के साप्ताहिक प्रश्न सत्र में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को इस निर्णय का बचाव करना पड़ा. उनसे लेबर पार्टी के नेता काइर स्टार्मर ने पूछा कि मार्च के अंत में जब भारत में डेल्टा प्रकार का पता चल गया तो उस देश से यात्रा प्रतिबंध में विलंब क्यों किया गया.

स्टार्मर ने जॉनसन पर 'निर्णय नहीं कर पाने' का आरोप लगाया जिससे यूरोप में डेल्टा प्रकार के कारण 'सर्वाधिक संक्रमण दर ब्रिटेन में है' और इस कारण लॉकडाउन को भी एक महीने बढ़ाना पड़ा.

जॉनसन ने आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) द्वारा सात मई को इसे चिंता का प्रकार श्रेणीबद्ध किए जाने से काफी पहले भारत को यात्रा प्रतिबंध की सूची में डाल दिया गया था.

स्टार्मर ने कहा, 24 मार्च को भारत में एक नया प्रकार सामने आया. एक अप्रैल को भारत में एक दिन में संक्रमण के एक लाख से अधिक नए मामले सामने आए और फिर बढ़ते गए. लेकिन प्रधानमंत्री ने 23 अप्रैल तक भारत को लाल सूची में नहीं डाला. उस वक्त तक भारत से 20 हजार लोग ब्रिटेन आ गए थे.

पढ़ें :-ब्रिटिश प्रधानमंत्री के भारत को 'लाल सूची' में डालने में देरी से बढ़ा डेल्टा स्वरूप : विपक्ष

जॉनसन ने इसका प्रतिवाद करते हुए कहा कि ब्रिटेन में संक्रमण की ज्यादा दर प्रकार की 'बेहतर समझ' के कारण है और दुनिया में हो रहे जीनोम सिक्वेंसिंग का 47 फीसदी ब्रिटेन में हो रहा है.

लाल सूची में शामिल होने से यात्रा लगभग पूरी तरह प्रतिबंधित हो जाती है और स्वदेश लौटने वाले ब्रिटेन के नागरिकों को सरकार द्वारा निर्दिष्ट होटल में आवश्यक रूप से दस दिनों के पृथक-वास में रहना पड़ता है.

(पीटीआई-भाषा)

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