लंदन : यूके और यूरोपीय संघ के बीच ब्रेग्जिट के बाद ट्रेड डील पर सहमति बन गई है. इसकी जानकारी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दी है.
उन्होंन ट्वीट कर लिखा,'डील इज डन.'
जानकारों की मानें तो ब्रेग्जिट से ब्रिटेन के पास फिलहाल खुश होने को बहुत ज्यादा नही है. बल्कि इसके चलते, देश के एक मध्य शक्ति बनकर रह जाने का खतरा भी है. वहीं, ईयू के पक्षधारी स्कॉटलैंड में भी ब्रिटेन ले अलग होने के लिए एक दूसरा जनमत संग्रह कराने की मांग जोर पकड़ती जा रही है. स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने इन चुनावों मे अच्छा प्रदर्शन करते हुए, 48 सीटें हासिल की हैं, वहीं कंजर्वेटिव पार्टी को सात और लेबर पार्टी को छह सीटों का नुकसान हुआ.
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2014 में हुए पहले जनमत संग्रह में 45% लोगों ने ब्रिटेन से अलग होने के लिए वोट किया था. तब से अब तक ब्रिटेन से अलग होने की भावना ने तेजी पकड़ी है. इसी तरह, ब्रेग्जिट के चलते अगर जॉनसन बॉर्डर कंट्रोल लागू करते हैं तो पूर्वी आयरलैंड से भी संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है. आयरलैंड दोनों देशों के बीच मौजूद काल्पनिक बॉर्डर को जारी रखने के पक्ष में है.
गौरतलब है कि इससे पहले बोरिस जॉनसन ने चेतावनी दी थी कि ब्रेग्जिट के बाद यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ व्यापार समझौते की वार्ता गंभीर स्थिति में है और बहुत संभव है कि अब कोई व्यापार समझौता न हो सके.
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