लंदन : ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी में मुस्लिम विरोधी भावनाएं अब भी समस्या बनी हुई हैं, यह दावा मंगलवार को संपन्न एक स्वतंत्र जांच में किया गया.
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने करीब दो साल पहले यह पता लगाने के लिए जांच शुरू कराई थी कि उनकी अगुवाई वाली पार्टी में इस्लाम के प्रति घृणा के आरोपों समेत भेदभाव से निपटने के लिए कोई प्रक्रिया है या नहीं.
भारतीय मूल के शिक्षाविद और पूर्व मानवाधिकार आयुक्त प्रोफेसर स्वर्ण सिंह के नेतृत्व में हुई जांच में कहा गया कि पार्टी नेतृत्व सभी तरह के भेदभाव के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का दावा करता है लेकिन भेदभावपूर्ण और संवेदनहीन घटनाएं होती रहती हैं.
रिपोर्ट की प्रस्तावना में प्रोफेसर सिंह ने ब्रिटिश सिख के तौर पर अपने खुद के अनुभवों को बयां किया है और केवल इस्लाम के साथ भेदभाव से परे जाकर सभी तरह के भेदभावों को शामिल करने के पीछे के तर्कों को भी पेश किया है.
यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक में सामाजिक और सामुदायिक मनोविज्ञान के प्रोफेसर सिंह ने कहा, मैं 30 साल से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहा हूं. उन्होंने कहा, मैं पगड़ी पहनता था, जिससे कई लोग धारणा बनाते थे कि मैं मुस्लिम हूं. उन शुरुआती सालों में ब्रिटिश समाज के विभिन्न तबकों में नस्लवाद की अहितकर अभिव्यक्तियों का शुरुआती अनुभव हुआ. एक बार एक सहकर्मी ने मेरे साथ मारपीट की, अपशब्द बोले और कहा कि अगर मुझे यहां रहना पसंद नहीं है तो मुझे घर चले जाना चाहिए.