दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी में 'मुस्लिम विरोधी भावनाओं' की समस्या : जांच रिपोर्ट

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने उनकी अगुवाई वाली पार्टी में इस्लाम के प्रति घृणा के आरोपों समेत भेदभाव से निपटने के लिए कोई प्रक्रिया है या नहीं यह जानने के लिए जांच शुरू कराई थी. इसकी रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम विरोधी भावनाएं अब भी समस्या हैं.

boris
boris

By

Published : May 25, 2021, 10:26 PM IST

लंदन : ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी में मुस्लिम विरोधी भावनाएं अब भी समस्या बनी हुई हैं, यह दावा मंगलवार को संपन्न एक स्वतंत्र जांच में किया गया.

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने करीब दो साल पहले यह पता लगाने के लिए जांच शुरू कराई थी कि उनकी अगुवाई वाली पार्टी में इस्लाम के प्रति घृणा के आरोपों समेत भेदभाव से निपटने के लिए कोई प्रक्रिया है या नहीं.

भारतीय मूल के शिक्षाविद और पूर्व मानवाधिकार आयुक्त प्रोफेसर स्वर्ण सिंह के नेतृत्व में हुई जांच में कहा गया कि पार्टी नेतृत्व सभी तरह के भेदभाव के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का दावा करता है लेकिन भेदभावपूर्ण और संवेदनहीन घटनाएं होती रहती हैं.

रिपोर्ट की प्रस्तावना में प्रोफेसर सिंह ने ब्रिटिश सिख के तौर पर अपने खुद के अनुभवों को बयां किया है और केवल इस्लाम के साथ भेदभाव से परे जाकर सभी तरह के भेदभावों को शामिल करने के पीछे के तर्कों को भी पेश किया है.

यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक में सामाजिक और सामुदायिक मनोविज्ञान के प्रोफेसर सिंह ने कहा, मैं 30 साल से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहा हूं. उन्होंने कहा, मैं पगड़ी पहनता था, जिससे कई लोग धारणा बनाते थे कि मैं मुस्लिम हूं. उन शुरुआती सालों में ब्रिटिश समाज के विभिन्न तबकों में नस्लवाद की अहितकर अभिव्यक्तियों का शुरुआती अनुभव हुआ. एक बार एक सहकर्मी ने मेरे साथ मारपीट की, अपशब्द बोले और कहा कि अगर मुझे यहां रहना पसंद नहीं है तो मुझे घर चले जाना चाहिए.

सिंह ने कहा कि तब से चीजें बेहतर हुई हैं. उन्होंने कहा, ब्रिटेन अब मेरा घर है और मेरे बच्चों का भी. लेकिन शायद काफी कुछ नहीं बदला है और सब जगह नहीं बदला है. मुझे उम्मीद है कि जांच शुरू होने से पहले ही इसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठाने वाले इस बात से आश्वस्त होंगे कि मैंने जहां मुस्लिम विरोधी भेदभाव देखा तो उसका जिक्र करने से भी संकोच नहीं किया.

पढ़ें :-मानसिक समस्या से जूझ रही हैं सबसे युवा भारतवंशी ब्रिटिश सांसद, संसद से दूरी बनाई

सिंह और उनकी टीम ने 2015 से 2020 के बीच 727 घटनाओं के संबंध में दर्ज 1,418 शिकायतों का विश्लेषण किया.

रिपोर्ट में कहा गया है, भेदभाव की पहचान, उसका मुकाबला और उसे जड़ से समाप्त करना हर किसी की जिम्मेदारी होनी चाहिए और पार्टी नेतृत्व को स्वयं उदाहरण पेश करते हुए इस बदलाव की अगुवाई करनी चाहिए. यह केवल एक राजनीतिक जरूरत नहीं है बल्कि नैतिक जरूरत भी है.

कंजर्वेटिव पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, पार्टी रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों पर विचार कर रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details