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लंदन : प्रदर्शनकारियों ने विंस्टन चर्चिल के स्मारक को किया बदरंग

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Published : Jun 8, 2020, 7:04 PM IST

मेरिकी अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर दुनिया के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी क्रम में लंदन में ब्लैक लाइव्स मैटर विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने रविवार को विंस्टन चर्चिल के स्मारक के साथ छेड़छाड़ की और चर्चिल की प्रतिमा पर नस्लवादी तक लिख दिया.

विंस्टन चर्चिल की प्रतिमा पर नस्लवादी लिख दिया गया
विंस्टन चर्चिल की प्रतिमा पर नस्लवादी लिख दिया गया

लंदन : नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों ने ब्लैक लाइव्स मैटर विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को वेस्टमिंस्टर में विंस्टन चर्चिल के स्मारक को बदरंग कर दिया. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी.

द इवनिंग स्टैंडर्ड के अनुसार अमेरिकी अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर विरोध प्रदर्शन के लिए रविवार को अपराह्न लंदन में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान पार्लियामेंट स्क्वॉयर में स्थापित युद्धकाल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल की प्रतिमा पर नारा लिख दिया- 'वह नस्लवादी थे.'

कुछ अन्य लोग स्मारक को बचाने के लिए हस्तक्षेप कर रहे थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने स्मारक को घेर लिया और नारेबाजी की कि चर्चिल एक नस्लवादी थे. विंस्टन चर्चिल की इसी प्रतिमा को इससे पहले शनिवार को भी विकृत किया गया था.

उधर दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के ब्रिस्टल मेें 17वीं शताब्दी के गुलामों के सौदागर एडवर्ड कॉलस्टन को सम्मानित करने वाली एक प्रतिमा को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया. प्रदर्शनकारियों को बाद में प्रतिमा को पास के बंदरगाह पर ले जाते हुए देखा गया और उसे एवन नदी में फेंक दिया गया. स्थानीय पुलिस ने सीएनएन को बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है.

एवन और सॉमरसेट पुलिस ने रविवार को एक बयान में कहा कि लोगों का एक छोटा समूह था, जिन्होंने ब्रिस्टल हार्बर साइड के पास प्रतिमा को खींचने में उसे क्षति पहुंचाई थी. बयान में कहा गया है, 'इसमें शामिल लोगों की पहचान की जाएगी और इसके लिए इस घटना की फुटेज को इकट्ठा किया जा रहा है.'

कॉलस्टन की प्रतिमा 1895 से ब्रिस्टल के सिटी सेंटर में स्थापित थी, लेकिन तेजी से विवादास्पद हो गई थी, जिसमें इसे हटाने की मांग को लेकर याचिकाएं लगाई गई थीं.

स्थानीय पुलिस के अनुसार, ब्रिस्टल में रविवार के ब्लैक लाइव्स मैटर विरोध प्रदर्शन में लगभग 10,000 लोगों ने भाग लिया. पुलिस ने कहा, 'नस्लीय असमानता और अन्याय के बारे में चिंता करने वालों के विशाल समूह ने शांतिपूर्वक और सम्मानपूर्वक आवाज उठाई.'

पुलिस ने कहा, 'जनता को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता थी. शुक्र है कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई और कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.'

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