जिनेवा/संयुक्त राष्ट्र: यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के बाद कथित मानवाधिकार उल्लंघनों (human rights violations) और संबंधित अपराधों की जांच के लिए तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग गठित करने पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में शुक्रवार को हुए मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया(India did not participate in voting) . संयुक्त राष्ट्र की 47 सदस्यीय परिषद में 'रूसी आक्रमण से यूक्रेन में उपजी मानवाधिकारों की स्थिति' पर एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ.
प्रस्ताव पारित कर दिया गया. प्रस्ताव के पक्ष में 32 मत पड़े जबकि दो वोट (रूस और इरित्रिया) इसके खिलाफ पड़े. वहीं भारत, चीन, पाकिस्तान, सूडान और वेनेजुएला सहित 13 देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया. प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में फ्रांस, जर्मनी, जापान, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. प्रस्ताव में यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा की गई. इसमें कहा गया कि प्रस्ताव ‘यूक्रेन के खिलाफ रूसी संघ की आक्रामकता के संदर्भ में कथित सभी मानवाधिकारों उल्लंघनों और हनन और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन और संबंधित अपराधों की जांच करने, साथ ही ऐसे किसी भी उल्लंघन और दुर्व्यवहार के तथ्यों, परिस्थितियों और मूल कारणों को स्थापित करने के लिए तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग की स्थापना करने का फैसला करता है.’
प्रस्ताव पारित होने के एक दिन पहले, बृहस्पतिवार को भारत ने जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 49वें सत्र में यूक्रेन में मानवाधिकार की स्थिति के बारे में हुई तत्काल चर्चा में कहा था कि वह यूक्रेन में लगातार बिगड़ती मानवीय स्थिति पर बहुत चिंतित है. भारत ने हिंसा और शत्रुता को समाप्त करने का आग्रह किया था. भारत ने कहा था, ‘मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है. मतभेदों और विवादों के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है.’ भारत ने यूक्रेन में लोगों के मानवाधिकारों के सम्मान और संरक्षण और संघर्ष क्षेत्रों में सुरक्षित मानवीय पहुंच का आह्वान किया.