मास्को :रूस ने यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों पर अपनी पकड़ बनाने के लिए तेजी से कदम बढ़ाया है (Russia moved quickly). उनकी स्वतंत्रता की मान्यता के बाद कानून के साथ पश्चिमी सरकारों को चुनौती देने के लिए वहां सैनिकों की तैनाती भी कर दी है (deployment of troops).
रूस जल्द ही संसद में नए बिल लाने की तैयारी में है, जिनके जरिए रूसी सैनिकों को यूक्रेन में अंदर तक पहुंचने का रास्ता साफ हो सकता है. जैसा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों को डर था.
डिक्री पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद बख्तरबंद वाहनों के काफिले अलगाववादी-नियंत्रित क्षेत्रों में घूमते देखे गए. हालांकि ये स्पष्ट नहीं था कि वह रूस के थे या नहीं. डिक्री पर हस्ताक्षर करने के बाद, पुतिन ने अधिक सैनिकों को संघर्ष प्रभावित पूर्वी क्षेत्र में 'शांति अभियान' चलाने का आदेश दिया, जिससे यह आशंका बढ़ गई कि वे जल्द ही कीव में सीमा पार कर सकते हैं. वर्तमान में, यूक्रेन अपनी सीमाओं पर 150,000 से अधिक रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है. पुतिन की घोषणा पर अपनी तत्काल प्रतिक्रिया में, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने घोषणा की थी कि 'हम डरते नहीं हैं और किसी को कुछ भी नहीं देंगे.'