मास्को : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनफिंग (Putin Xi) ने बुधवार को एक वीडियो कॉल के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चर्चा की. यह डिजिटल शिखर सम्मेलन (Russia China ties at digital summit) ऐसे समय हुआ जब यूक्रेन की सीमा के पास रूसी सेना के जमावड़े को लेकर पश्चिमी देशों के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.
अपनी शुरुआती टिप्पणी में पुतिन और शी ने रूस और चीन के बीच संबंधों की सराहना की. रूसी नेता ने उन्हें “21 वीं सदी में अंतरराज्यीय सहयोग का एक उचित उदाहरण” करार दिया.
पुतिन ने कहा, “हमारे देशों के बीच सहयोग का एक नया मॉडल बनाया गया है, जो आंतरिक मामलों (एक दूसरे के) में हस्तक्षेप नहीं करने, एक-दूसरे के हितों का सम्मान, साझा सीमा को शाश्वत शांति के क्षेत्र में बदलने और अच्छे पड़ोस के दृढ़ संकल्प जैसे सिद्धांतों पर आधारित है.”
शी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति ने “प्रमुख राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए चीन के प्रयासों का पुरजोर समर्थन किया और हमारे देशों के बीच दरार पैदा करने के प्रयासों का कड़ा विरोध किया.” चीनी नेता ने कहा, “मैं इसकी बहुत सराहना करता हूं.”
पुतिन ने यह भी कहा कि वह फरवरी में बीजिंग में व्यक्तिगत रूप से शी से मिलने और 2022 ओलंपिक में भाग लेने की योजना बना रहे हैं. पुतिन ने कहा, “सहमति के मुताबिक, हम बातचीत करेंगे और फिर शीतकालीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे.”
हाल के वर्षों में, चीन और रूस ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था के अमेरिकी वर्चस्व का मुकाबला करने के लिए अपनी विदेश नीतियों को तेजी से संरेखित किया है. दोनों को अपनी आंतरिक नीतियों को लेकर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है. चीन को अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ दुर्व्यवहार और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन पर अपनी कार्रवाई के लिए प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है.
डिजिटल शिखर सम्मेलन में पुतिन, शी ने रूस-चीन संबंधों की सराहना की
अपनी शुरुआती टिप्पणी में पुतिन और शी (Putin Xi ) ने रूस और चीन के बीच संबंधों की सराहना की. रूसी नेता ने उन्हें “21 वीं सदी में अंतरराज्यीय सहयोग का एक उचित उदाहरण” करार दिया.
digital summit
इस बीच रूस को यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा करने और विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी को जहर देने और कारावास में रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है. बीजिंग और वाशिंगटन भी व्यापार, प्रौद्योगिकी और ताइवान को चीन की सैन्य धमकी पर आमने-सामने रहते हैं. चीन ताइवान पर अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है.
पीटीआई-भाषा