नई दिल्ली: मिस्त्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी की अदालत परिसर में मौत के बाद नाराज मुर्सी समर्थकों ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित मिस्र दूतावास के नज़दीक प्रदर्शन किया और मिस्त्र की मौजूदा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
प्रदर्शन कर रहे एक प्रदर्शनकारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा है कि मोहम्मद मुर्सी की मौत नहीं हुई है बल्कि वो शहीद हुए हैं, और शहीद कभी नहीं मरते, वो अमर हुए हैं.
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि आज हम मोहम्मद मुर्सी को जिस तरीके से जेल में बंद करके शहीद किया गया हम उसका विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए हैं.
बता दें कि मोहम्मद मुर्सी मिस्र के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति थे. लोकिन ठीक एक साल बाद ही उनको सेना ने राष्ट्रपति पद से हटा दिया और उनको जेल में डाल दिया गया.
मुर्सी एक इंजीनियर प्रोफेसर होने के साथ साथ एक कार्यकर्ता भी थे. मुर्सी ब्रदरहुड के उन नेताओं में शामिल हैं जिनको 18 दिन के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति हुस्ने मुवारक के खिलाफ विद्रोह करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.