दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

भारत में भी हैं मोहम्मद मुर्सी के समर्थक, कहा- 'शहीद हुए हैं मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति'

मिस्त्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी की मौत के बाद नई दिल्ली स्थित मिस्र दूतावास पर उनके समर्थकों ने प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की.

प्रदर्शन करते लोग

By

Published : Jun 21, 2019, 10:41 PM IST

नई दिल्ली: मिस्त्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी की अदालत परिसर में मौत के बाद नाराज मुर्सी समर्थकों ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित मिस्र दूतावास के नज़दीक प्रदर्शन किया और मिस्त्र की मौजूदा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

प्रदर्शन करते लोग

प्रदर्शन कर रहे एक प्रदर्शनकारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा है कि मोहम्मद मुर्सी की मौत नहीं हुई है बल्कि वो शहीद हुए हैं, और शहीद कभी नहीं मरते, वो अमर हुए हैं.

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि आज हम मोहम्मद मुर्सी को जिस तरीके से जेल में बंद करके शहीद किया गया हम उसका विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए हैं.

बता दें कि मोहम्मद मुर्सी मिस्र के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति थे. लोकिन ठीक एक साल बाद ही उनको सेना ने राष्ट्रपति पद से हटा दिया और उनको जेल में डाल दिया गया.

मुर्सी एक इंजीनियर प्रोफेसर होने के साथ साथ एक कार्यकर्ता भी थे. मुर्सी ब्रदरहुड के उन नेताओं में शामिल हैं जिनको 18 दिन के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति हुस्ने मुवारक के खिलाफ विद्रोह करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

वो ब्रदरहुड के हजारों नेताओं के साथ जेल तोड़ कर भाग गए थे. जिसके कारण उनको 2015 में मौत की सजा सुनाई गई.

मुर्सी के पिता एक किसान थे. वो ब्रदरहुड नेता के पद के लिए पहली पसंद नहीं थे. वो 2012 में मिस्त्र के पहले लोकतांत्रिक राष्ट्रपति बने. लेकिन तत्कालीन रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख अब्देल फत्ताह अल-सीसी ने 3 जुलाई 2013 को उन्हें हटा दिया.

उनके खिलाफ पहले फैसले में, काहिरा की एक अदालत ने दिसंबर 2012 के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के बाद मुर्सी को दोषी ठहराया गया.उन्हें इस मामले पर 20 साल की जेल हुई और बाद में जासूसी के दो मामलों में उम्रकैद की सजा मिली.

पढ़ें- साल 2018 में सात करोड़ से अधिक लोग विस्थापित: संयुक्त राष्ट्र

8 अगस्त, 1951 को शारकिया के नील डेल्टा प्रांत के एल-अदवाह गांव में जन्मे मुर्सी ने काहिरा विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की.

उन्होंने दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की, जहाँ वे 1980 के दशक के प्रारंभ में एक सहायक प्रोफेसर भी थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details