मैड्रिड : पोप फ्रांसिस ने लोकतंत्र लागू करने की बाहरी कोशिश के तौर पर अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों की हाल की संलिप्तता की निंदा की. हालांकि उन्होंने यह टिप्पणी करते वक्त गलती से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हवाला दिया जबकि वह जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का नाम लेना चाह रहे थे.
अफगानिस्तान में 20 साल के युद्ध के बाद अमेरिकी सेना की वापसी के बाद देश में नयी राजनीतिक स्थिति के बारे में बुधवार को रेडियो पर प्रसारित एक साक्षात्कार में पोप ने कहा कि वह जर्मनी की चांसलर के एक उद्धरण के साथ इसका जवाब देंगे जिन्हें उन्होंने 'दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक शख्सियतों में से एक' बताया.
पोप ने कहा, 'अपने मूल्यों को दूसरों पर थोपने की गैर जिम्मेदाराना नीति और इतिहास, जातीयता तथा धार्मिक मुद्दों पर विचार किए बिना और दूसरे लोगों की परंपराओं को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए अन्य देशों में लोकतंत्र के निर्माण की कोशिशें रोकना आवश्यक है.'
ये शब्द रूस के राष्ट्रपति ने पिछले महीने मर्केल की उपस्थिति में कहे थे जब वह रूस की यात्रा पर आयी थीं.