ब्रसेल्स : नया साल यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटेन के लिए एक नई शुरुआत करने का अच्छा अवसर हो सकता है. ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकल गया है, लेकिन ब्रिटेन और यूरोप की मुख्य भूमि के बीच संबंध करीब हजार वर्ष से एक दूसरे से गुंथे रहे हैं.
ईयू से ब्रिटेन की औपचारिक विदाई के 11 महीने बाद 'ब्रेक्जिट' (ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से बाहर होना) शुक्रवार को जीवन की एक सच्चाई बन जाएगा, जब ब्रेक्जिट की लंबी प्रक्रिया की अवधि खत्म हो रही है और ब्रिटेन विश्व के सबसे शक्तिशाली व्यापारिक समूह से पूरी तरह से अलग हो जाएगा.
हालांकि, ब्रेक्जिट के लिए साढ़े चार साल तक चली वार्ता की लंबी प्रक्रिया का असर न सिर्फ आने वाले कुछ महीनों में, बल्कि कुछ वर्षों तक भी देखने को मिल सकता है.
सेंटर फॉर यूरोपियन रिफॉर्म थिंक टैंक के चार्ल्स ग्रांट ने कहा कि किसी न किसी कारण से ब्रिटेन के यूरोपीय संघ के साथ दशकों तक अनवरत वार्ता में शामिल रहने की संभावना है.
ब्रेक्जिट ने यूरोपीय संघ के साथ ब्रिटेन के एक ऐसे संबंध को समाप्त किया है, जिसे यह यूरोपीय देश बहुत ही मुश्किल से निभा पा रहा था.
ब्रिटेन यूरोपीय आर्थिक समुदाय में 1973 में शामिल हुआ था, लेकिन उसने कहीं अधिक करीबी एकीकरण की इस संगठन की योजना को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया. ईयू का जन्म द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की परिस्थितियों के बीच हुआ था.
प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में विजेता गुट में शामिल रहे देश के तौर पर अपने साम्राज्यवादी अतीत की यादों को संजो कर ब्रिटेन ने बिल्कुल ही कुछ अलग तरह के अखिल यूरोपीय परियोजना की कल्पना की थी, जैसा कि जर्मनी कभी नहीं सोच सकता था.
ब्रिटेन में 2016 में हुए एक जनमत संग्रह में ब्रेक्जिट के पक्ष में, अर्थात यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने के पक्ष में 52 प्रतशित लोगों ने समर्थन किया था.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के तहत हुए मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) को संसदीय मंजूरी दिलाने के लिए क्रिसमस की छुट्टियों के बाद बुधवार को संसद का सत्र बुलाया था, ताकि अगले साल एक जनवरी को ईयू से भविष्य में होने वाले संबंधों के लिए प्रभावी हो रहा कानून संसदीय मंजूरी के साथ सभी बाधाएं पार कर जाए.
जॉनसन ने ब्रेक्जिट व्यापार समझौते पर किए हस्ताक्षर
जॉनसन ने बुधवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ ब्रेक्जिट व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. उससे पहले संसद सदस्यों ने इससे संबंधित प्रस्ताव के समर्थन में भारी मतदान किया. प्रस्ताव को 73 के मुकाबले 521 मतों से मंजूरी मिली.