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स्पेन में कोरोना : 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 लोगों की मौत

कोविड-19 के मद्देनजर स्पेन के स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना के प्रकोप से निबटने में आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की है. बता दें कि स्पेन में 78,797 संक्रमितों के साथ 6,528 लोगों की मौत हो चुकी है.

challenges of corona in spain
कोरोना वायरस

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Published : Mar 29, 2020, 11:50 AM IST

Updated : Mar 29, 2020, 6:05 PM IST

मैड्रिड : दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है. इसी बीच स्पेन ने रविवार को गत 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 लोगों की इस संक्रमण से मौत की पुष्टि की. इसके साथ ही देश में इस संक्रमण से मरने वालों की तादाद 6,528 जा पहुंची है. वहीं मैड्रिड में स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना के प्रकोप से निबटने में आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि स्पेन में अब तक 78,797 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इस प्रकार देश में 24 घंटे के भीतर संक्रमितों की संख्या में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

इटली के बाद स्पेन दूसरा देश है, जहां पर इस महामारी से सबसे अधिक मौतें हुई हैं.

देश की राजधानी में सबसे ज्यादा भीड़ भाड़ वाले अस्पतालों में एक 12 डे ऑक्टुबेर अस्पताल में काम करने करने वाले एक कुली जुआन ने कहा, 'कर्मचारी यहां के हालातों का सामना नहीं कर पा रहे.'

जुआन ने कहा, 'जरूरत के उपकरण आ रहे हैं और यह अच्छा है, लेकिन हमें और भी ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत है.'

इस सप्ताह की शुरुआत में एक वीडियो जारी हुआ था, जिसमें मरीजों को अस्पताल के अंदर फर्श पर लोटते दिखाया गया था.

पढ़ें :दुनियाभर में कोरोना से 30 हजार से ज्यादा की मौत, संक्रमितों की संख्या 6.63 लाख के पार

12 डे ऑक्टुबेर में कार्यरत एक डॉक्टर अगस्टिन मुनोज ने कहा, 'अस्पताल अधिक बीमार लोगों के आने के लिए अनुकूल है. अस्पताल की इतने अच्छे तरीके से सफाई पहले कभी नहीं की गई थी.'

अस्पताल के सफाईकर्मियों में से एक पक्की ने कहा, 'हम अपना 100 नहीं, 200 प्रतिशत दे रहे हैं.'

स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को वे वायरस के प्रकोप के बेहद करीब पहुंच रहे थे. इस स्थिति के बाद अस्पताल को राहत महसूस करने में कई सप्ताह लगेंगे.

गौरतलब है कि ज्यादातर लोगों में कोरोना वायरस के हल्के या मध्यम लक्षण होते हैं, जैसे कि बुखार और खांसी, जो कि दो से तीन हफ्तों में ठीक हो जाती है.

कुछ लोगों, खास तौर पर बूढ़े और मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए यह निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों से लेकर मृत्यु का कारण बन सकता है.

Last Updated : Mar 29, 2020, 6:05 PM IST

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