लंदन : पिछले 15 महीनों में हमने न तो लोगों को गले लगाया और न ही उनसे हाथ मिलाया, घरों में रहे और पृथकवास किया, और जीवन की बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाओं को अकेले ही अनुभव किया. इस दौरान हम सिर्फ अपने परिवार में सिमटकर रहे गए-दोस्तों, परिचितों और यहां तक कि परिवार के अन्य सदस्यों से दूर.
मई में प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार में मास्क लगाए अकेले बैठीं रानी की मार्मिक छवियों को कौन भूल सकता है? हम में से बहुत से लोग सामान्य हालात की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, यह व्यवधान हमारे जीवन में शोक मनाने अथवा बच्चे के जन्म जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर साहचर्य की भूमिका को प्रतिबिंबित करने का एक महत्वपूर्ण क्षण प्रदान करता है.
महामारी ने गर्भावस्था को गर्भवती माताओं के लिए विशेष रूप से तनावपूर्ण समय बना दिया, और बच्चे को अकेले जन्म देना एक भय और वास्तविकता दोनों बन गया.
महामारी के दौरान बदले हालात में अक्सर बच्चे के जन्म के समय महिला के साथ मौजूद रहने वाले व्यक्ति को केवल वास्तविक प्रसव पीड़ा के समय ही आने की इजाजत दी गई. इस दौरान परिवार के सदस्यों, दोस्तों और व्यावहारिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने वाले साथियों की संख्या सख्ती से कम कर दी गई, जिससे कुछ महिलाओं के लिए बच्चे को जन्म देना एक गहरा दर्दनाक अनुभव बन गया. किसी साथी की हमदर्दी भरी थपकी के बिना होने वाला एक दर्दनाक अनुभव.
हालांकि यह इतिहास में पहली बार नहीं हुआ है कि महिलाओं को बिना किसी सहारे के इस गहन अनुभव से गुजरना पड़ा है. डेफो के ए जर्नल ऑफ द प्लेग ईयर में, 1665 में प्लेग की महामारी का जिक्र करते हुए इस बात पर अफसोस जताया गया है कि इस आपदा के दौरान बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को सबसे दुखद अनुभव से गुजरना पड़ा, जब दुख और पीड़ा की उस घड़ी में उन्हें न तो किसी की सहायता मिल पाई और न ही कोई दाई या पड़ौसी उनकी मदद के लिए आ सकते थे.
हालांकि कोविड-19 की मौजूदा महामारी में बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को बेशक उचित चिकित्सा देखभाल उपलब्ध थी, लेकिन ऐसे मौके पर महिला को भावनात्मक और व्यावहारिक समर्थन और सहायता प्रदान करने वाले उसके आसपास नहीं थे.
समर्थन नेटवर्क
इस चुनौतीपूर्ण अनुभव के दौरान महिलाओं के लिए न केवल पेशेवरों, बल्कि साथियों की संगति को आरामदायक और आवश्यक माना जाता था. हालांकि 20वीं सदी के मध्य से, इस तरह की सामाजिक अंतरंगता की बजाय व्यावसायिक संबंधों पर अधिक जोर दिया जाने लगा है.
पिछले कुछ वर्षों में प्रसव के दौरान समर्थन और सहयोग नेटवर्क पूरी तरह से बदल गया है. प्रसव के दौरान मां को आश्वासन प्रदान करने वाले किसी भरोसेमंद का साथ सम्मानजनक प्रसव का प्रमुख घटक बन गया है.