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रूस : मॉस्को पहुंचने के तुरंत बाद हिरासत में लिए गए नवेलनी

क्रेमलिन के आलोचक एलेक्सी नवेलनी एक बार फिर सुर्खियों में हैं. पिछले दिनों उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी. अब जर्मनी से स्वदेश लौटने पर उन्हें मॉस्को हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पैरोल के कई उल्लंघनों और निलंबित जेल की सजा की शर्तों के लिए हिरासत में लिया गया और उन्हें तब तक हिरासत में रखा जाएगा जब तक कि अदालत उनके मामले में कोई फैसला नहीं करती.

नवलनी
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Published : Jan 18, 2021, 9:43 AM IST

मास्को : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रमुख आलोचक और विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी को पुलिस ने मॉस्को एयरपोर्ट पर उतरते ही हिरासत में ले लिया. बता दें कि पिछली गर्मियों में जहर दिए जाने के बाद से वह जर्मनी में अपना इलाज करा रहे थे और रविवार को ही स्वदेश पहुंचे थे.

इस कदम से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक बार फिर पश्चिमी देशों की आलोचना झेलनी पड़ रही है. अमेरिका और फ्रांस समेत कई देशों ने रूसी सरकार की कड़ी आलोचना की है और जल्द नवेलनी को रिहा करने की मांग की है.

वहीं, जेल के अधिकारियों ने कहा, उन्हें पैरोल के कई उल्लंघनों और निलंबित जेल की सजा की शर्तों के लिए हिरासत में लिया गया है और उन्हें तब तक हिरासत में रखा जाएगा, जब तक कि अदालत उनके मामले में कोई फैसला नहीं करती.

रूस की जेल के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते उनकी गिरफ्तारी के लिए एक वारंट जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि गबन के लिए 2014 की सजा पर उन्हें निलंबित सजा की शर्तों का उल्लंघन करते पाया गया. अधिकारियों ने मॉस्को की अदालत से नवलनी के 3 1/2-वर्ष की निलंबित सजा को वास्तविक में बदलने के लिए कहा है.

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नवलनी, जो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे प्रमुख और दृढ़ शत्रु हैं, ने जर्मनी में पिछले पांच महीने एक नर्व एजेंट हमले से उबरने में बिताए थे, जिसके लिये उन्होंने क्रेमलिन को दोषी ठहराया था. नवलनी ने अपनी मर्जी से बर्लिन छोड़ने का फैसला किया.

अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने नवलनी को जल्द से जल्द छोड़ने को कहा है. उधर, फ्रांस सरकार ने भी रूस से नवेलनी को आजाद करने की मांग की है. इससे पहले नवलनी को जहर दिए जाने का मामला भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बना था. जर्मनी में हुए सैन्य टेस्ट में पाया गया था कि उन्हें घातक नोविचोक जहर दिया गया था. जर्मनी की डिफेंस लैब ने बताया था कि नवलनी पर रूस की बनी नर्व एजेंट नोविकोच जहर से मारने की कोशिश की गई थी.

दरअसल, पिछले हफ्ते नवलनी ने कहा था कि वह घर लौटने की योजना बना चुके हैं. इसके बाद ही मॉस्को प्रिजन सर्विस ने कहा था कि उनके लौटने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. कैद की उनकी निलंबित सजा की शर्तों के कथित उल्लंघन करने का यह मामला है.

बीते रविवार को बर्लिन में मास्को की उड़ान में सवार होने के बाद, नवलनी ने गिरफ्तारी की संभावना के बारे में कहा था कि यह असंभव है, मैं एक निर्दोष व्यक्ति हूं. क्रेमलिन ने विपक्षी नेता की विषाक्तता में एक भूमिका को दोहराया है.

राजनीतिक गिरफ्तारी पर नजर रखने वाले ओवीडी-इंफो ग्रुप ने कहा, कम से कम 37 लोगों को वानुकोवो हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया. हालांकि, उनकी संबद्धता तुरंत स्पष्ट नहीं हुई.

वानुकोवो ने पिछले सप्ताह एक बयान में पत्रकारों को टर्मिनल के अंदर काम करने से प्रतिबंधित कर दिया, यह कदम महामारी विज्ञान संबंधी चिंताओं के कारण था. हवाई अड्डे ने अंतरराष्ट्रीय आगमन क्षेत्र तक पहुंच को भी अवरुद्ध कर दिया.

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बता दें कि पुलिस कैदी-बंदी वाहन बीते रविवार को टर्मिनल के बाहर खड़े थे.

समाचार पत्र और विपक्षी सोशल मीडिया ने बीते रविवार को बताया कि सेंट पीटर्सबर्ग में कई नवलनी समर्थकों को मास्को-बाउंड ट्रेनों से दूर कर दिया गया था व बीते शनिवार और रविवार की शुरुआत में बोर्डिंग उड़ानों से रोका गया था, जिसमें रूस की उड़ान के लिए उनके कर्मचारियों के समन्वयक भी शामिल थे.

20 अगस्त को साइबेरिया से मास्को के लिए घरेलू उड़ान पर सवार होते हुए नवलनी कोमा में चले गये थे. दो दिन बाद उन्हें साइबेरिया के एक अस्पताल से बर्लिन के एक अस्पताल में शिफ्ट किया गया था.

रूसी अधिकारियों ने जोर देकर कहा, जर्मनी में एयरलिफ्ट होने से पहले साइबेरिया में नवलनी का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने जहर का कोई निशान नहीं पाया. इसके साथ ही उन्होंने नवलनी को जहर दिए जाने के साक्ष्य की कमी का हवाला देते हुए, एक पूर्ण आपराधिक जांच करने से इनकार कर दिया.

पिछले महीने, नवलनी ने एक फोन कॉल की रिकॉर्डिंग जारी की, जिसमें उसने कहा कि उन्होंने एक व्यक्ति को संघीय सुरक्षा सेवा या एफएसबी के अधिकारियों के एक कथित सदस्य के रूप में वर्णित किया, जिसने अगस्त में उसे कथित रूप से जहर दिया था और फिर उसे कवर करने की कोशिश की. एफएसबी ने रिकॉर्डिंग को फर्जी बताते हुए खारिज कर दिया.

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