नई दिल्ली: फ्रांसीसी फिल्म निर्देशक जूलिया डुकोरनू को उनकी फिल्म 'टाइटन' के लिए कान फिल्म महोत्सव में 'पाम डी 'ओर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इसी के साथ वह पिछले 28 साल में यह पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला निर्देशक बन गई हैं.
इस फिल्मोत्सव में पुरस्कारों के लिए चयन स्पाइक ली की अध्यक्षता वाली जूरी ने किया. ये पुरस्कार शनिवार को ग्रैंड थियेटर लुमियरे में 74वें कान फिल्म महोत्सव के समापन समारोह में दिए गए. इस फिल्म महोत्सव के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि मुख्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा जूरी में महिलाओं की संख्या पुरुषों की संख्या से ज्यादा रही.
डुकोरनू 'पाम डी 'ओर' पुरस्कार जीतने वाली अब तक की दूसरी महिला निर्देशक हैं. इससे पहले न्यूजीलैंड की जेन केम्पियन को 'द पियानो' के लिए 1993 में 'पाम डी 'ओर' पुरस्कार से नवाजा गया था. वहीं महोत्सव में दूसरे स्थान का पुरस्कार माने जाने वाले 'ग्रैंड प्रिक्स' के लिए दो फ़िल्मों को चुना गया. इसे ईरान के फिल्म निर्देशक असगर फरहादी की 'ए हीरो' और फिनलैंड के जूहो कुओसामेन के 'कंपार्टमेंट नंबर 6' को दिया गया.
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वहीं लियोस कराक्स को 'एनेट' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार कालेब लैंड्री को 'निट्रम' के लिए दिया गया, जबकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार रिनेट रीन्सवे के नाम रहा.