लंदन : ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन ने बड़ी जीत हासिल की है. उनकी इस जीत पर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी है. जीत के बाद बोरिश जॉनसन मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ब्रेक्जिट को जनादेश मिला है.
पीएम मोदी ने ट्वीट करके लिखा, ' प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारी बहुमते से सत्ता में फिर से वापसी पर बहुत बधाई मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और भारत-ब्रिटने के करीबी संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए काम करने को आशान्वित हूं.
शानदार जीत के बाद जॉनसन ब्रिटेन सरकार बनाने की तैयारी में जुट गए हैं और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मुलाकात बकिंघम पैलेस पहुंचे हैं. इस दौरान वह महारानी से सरकार बनाने की अनुमति मांगेंगे.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दशकों बाद देश में हुए नाटकीय आम चुनाव में शुक्रवार को धमाकेदार जीत दर्ज की. इसी के साथ ब्रिटेन में यूरोपीय संघ से अलग होने के मुद्दे पर आठ महीने से जारी गतिरोध का भी समापन हो गया है.
वर्ष 1980 के दशक में मार्गरेट थैचर के नेतृत्व में मिली जीत के बाद पहली बार कंजर्वेटिव पार्टी ने संसद में 363 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है. लंदन में आयोजित विजय रैली में जीत की पुष्टि करते हुए जॉनसन ने इसे ब्रेक्जिट को लेकर जारी गतिरोध के लिए नयी सुबह करार दिया और दावा किया कि वह मतदाताओं की ओर से जताए गए ‘पवित्र विश्वास को खंडित नहीं होने देंगे.
विजय रैली में अपनी महिला मित्र कैरी सायमंड और पालतू कुत्ते डिलयेन के साथ मौजूद जॉनसन ने कहा, ‘हमने कर दिखाया, हमने उसे गिरा दिया, क्या हमने नहीं किया? हमने गतिरोध को खत्म कर दिया, हमने बंदिशें तोड़ दीं, हमने रास्ते के अवरोधों को खत्म कर दिया.
उन्होंने कहा, ' हम मानते हैं कि इस चुनाव के साथ हमने दूसरे जनमत के सभी खतरों का खात्मा कर दिया.' इस दौरान उन्होंने लोगों से ब्रेक्जिट होगा के बार-बार नारे लगवाए.
इससे पहले जॉनसन ने स्वयं लंदन के उक्सब्रिज और साउथ रुइस्लिप से जीत दर्ज की. वहां पर उन्होंने पार्टी की संभावित जीत पर खुशी जताई और इसे 28 सदस्यीय आर्थिक समूह यूरोपीय संघ से अलग होने की उनकी योजना पर आगे बढ़ने के लिए मजबूत नया जनादेश करार दिया.
उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि एक राष्ट्रीय कंजर्वेटिव सरकार को ब्रेक्जिट करने के लिए मजबूत नया जनादेश दिया गया है. यह केवल ब्रेक्जिट के लिए ही नहीं बल्कि देश को एकजुट करने एवं आगे ले जाने के लिए भी है.'
जॉनसन ने कहा कि चुनाव उन्हें ब्रिटेन के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करने, इस देश को बेहतरी के लिए बदलाव करने और इस देश के सभी लोगों की क्षमता का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा.'
इस चुनाव में विपक्षी लेबर पार्टी को 650 सदस्यी हाउस ऑफ कॉमंस (ब्रिटिश संसद के निम्न सदन) में केवल 203 सीटें मिली हैं. यह पार्टी का दशकों बाद सबसे खराब प्रदर्शन है, जिसके बाद पार्टी नेता जेरेमी कॉर्बिन ने इस्तीफा देने की घोषणा की है.
कॉर्बिन ने कहा, 'यह लेबर पार्टी के लिए निराश करने वाली रात है... मैं भविष्य के किसी आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व नहीं करूंगा.'
उल्लेखनीय है कि 70 वर्षीय लेबर नेता स्वयं लदंन के इसलिंगटन नार्थ सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए हैं.
इस हार के लिए कॉर्बिन के नेतृत्व, ब्रेक्जिट पर स्पष्ट रुख लेने में उनकी असमर्थता और पार्टी के भीतर यहूदी विरोध बढ़ने के आरोपों को ठीक ढंग से जवाब देने में नाकामी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करने वाले प्रस्ताव पारित करने के बाद पार्टी की कथित भारत विरोधी छवि बनी और माना जा रहा है कि पारंपरिक रूप से लेबर पार्टी के साथ रहे भारतीय मूल के मतदाताओं का मोह भंग हुआ.