लंदन :कई दिन के युद्ध के बाद इजराइल और हमास ने अंतत: संघर्षविराम की घोषणा कर दी, लेकिन इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है. दोनों पक्षों के बीच संघर्षविराम की खबर अच्छी है. इससे लोगों के मारे जाने का सिलसिला थमने तथा कम से कम फिलहाल के लिए और विनाश रुकने की उम्मीद है.
मौजूदा स्थिति में दोनों पक्ष अपनी-अपनी जीत का दावा कर सकते हैं.
हमास यरूशलम में फलस्तीनियों के हितों की रक्षा करने का दावा कर सकता है, जबकि इजराइल के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इसे बड़ी सैन्य एवं राजनीतिक उपलब्धि करार दे सकते हैं, लेकिन धुंध छंटने और गाजा में हुई व्यापक तबाही स्पष्ट होने के बाद वहां पुनर्निर्माण की धीमी और निराशाजनक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
अर्थव्यवस्था के लिए होगी मदद की दरकार
यूएनएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ सोशल साइसेंस के सीनियर लेक्चरर एंथनी बिलिंगस्ले का कहना है कि गाजा की अर्थव्यवस्था ने इजराइली अवरोधकों के कारण काफी कुछ सहा है और वह 2014 में दोनों पक्षों के बीच हुए युद्ध के बाद से पुनर्निर्माण के लिए संघर्ष कर रही है. ऐसे में, हालिया इजराइली हवाई हमलों के कारण हुए विनाश ने गाजा की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
गाजा को अब बड़ी विदेशी सहायता की आवश्यकता होगी, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसके लिए धन आखिर कौन देगा. खाड़ी देश, विशेषकर कतर मदद मुहैया करा सकते हैं, लेकिन यूरोपीय संघ और अन्य स्थानों से मदद मिलने में समस्या होगी.
शांति प्रक्रिया में गतिरोध
1990 के दशक में अमेरिका में तत्कालीन क्लिंटन प्रशासन के बाद से रुकी पड़ी शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने में किसी की रुचि दिखाई नहीं देती. इस युद्ध के बाद इजराइल या अमेरिका समेत उसके किसी सहयोगी ने इस पुरानी समस्या के समाधान के लिए शांति प्रक्रिया शुरू करने की इच्छा नहीं जताई.
अमेरिका का बाइडेन प्रशासन अपने पूर्ववर्ती प्रशासनों की तरह ही विवाद के समाधान को बढ़ावा देने की हर कोशिश को नियंत्रित करना चाहता है और उसका लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत अन्य संस्थाओं को इजराइल और फलस्तीन के बीच शांति स्थापित करने का आधार बनाने में मदद करने से रोकना है.
पश्चिम एशिया में रूस और चीन की तुलना में अमेरिका को अब भी महत्वपूर्ण सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक बढ़त हासिल है, लेकिन हाल के वर्षों में इसकी स्थिति में गिरावट आई है.
इजराइल अन्य देशों के इरादों को लेकर संदेह करता है, ऐसे में अमेरिका ही एकमात्र ऐसी शक्ति है, जो मौजूदा गतिरोध को दूर सकती है.
हमास की स्थिति मजबूत होने की संभावना