मॉस्को : विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि रूस के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों की जड़ें गहरी और ऐतिहासिक हैं जिससे स्थिरता और भरोसा मिलता है और यह मौजूदा दुनिया की जटिलताओं से निकलने में पर्याप्त रूप से सक्षम हैं.
इसके साथ ही उन्होंने उन चिंताओं को दूर करने की कोशिश की कि रूस के साथ सैन्य-तकनीकी सहयोग को छोड़ने के लिए भारत अमेरिका के दबाव में है.
श्रृंगला ने यह टिप्पणी रूसी दैनिक कोमर्सेंट के साथ एक साक्षात्कार में की. उनसे सवाल किया गया था कि क्या भारत अमेरिकी दबाव में आ जाएगा तथा रूस के साथ एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का करार रद्द कर देगा.
भारत ने अक्टूबर 2018 में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि इस करार को लेकर अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है.
श्रृंगला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका और रूस के साथ भारत के संबंध अपनी खूबियों पर हैं और सभी प्रमुख शक्तियां भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की परंपरा को पूरी तरह से मान्यता देती हैं.
उन्होंने कहा कि रूस के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी की जड़ें बहुत गहरी और ऐतिहासिक हैं जिससे स्थिरता, भरोसा और विश्वास मिलता है और यह मौजूदा दुनिया की जटिलताओं से पार पाने में पर्याप्त रूप से सक्षम है. अमेरिका के साथ हमारी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है.
उन्होंने कहा कि मैं विशिष्ट रक्षा सौदों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि रूस के साथ हुए सभी करार कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं. ये भारत की रक्षा और सुरक्षा आवश्यकताओं और हितों के अनुरूप हैं.