दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

बोरिस जॉनसन की जीत के बाद भारत और ब्रिटेन के आपसी संबंध होंगे मजबूत

बोरिस जॉनसन ने हाल ही में संपन्न हुए ब्रिटिश आम चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज की है. उनकी जीत के बाद माना जा रहा है कि भारत और ब्रिटेन के आपसी संबंधों को और बल मिलेगा. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बोरिस की जीत के बाद आप्रवासी नीति में भी काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिसका सीधा फायदा युवा भारतीयों को मिलेगा, जिनकी अब तक अनदेखी की जाती रही है.

पीएम मोदी के साथ बोरिस जॉनसन  (फाइल फोटो)
पीएम मोदी के साथ बोरिस जॉनसन (फाइल फोटो)

By

Published : Dec 16, 2019, 10:26 PM IST

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने देश के आम चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज की है. इस जीत पर दुनियाभर के नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. जॉनसन की यह जीत भारत के लिए कई मामलों में अहम है.

दरअसल, भारत ब्रिटेन में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है. भारतीय समुदाय का एक बड़ा तबका ब्रिटेन में नौकरी पेशे से जुड़ा है. करीब डेढ़ करोड़ से अधिक भारतीय वहां के प्रवासी हैं.

इसके अलावा कश्मीर मुद्दों पर जेरेमी कॉर्बिन द्वारा प्रदर्शित खुली दुश्मनी के विपरीत जॉनसन भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ जुड़े रहे. वस्तुतः बोरिस जॉनसन भारत के साथ अपने संबंधों को और बेहतर बनाना चाहते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लंदन में उत्तर पश्चिम में पिछले हफ्ते विश्व प्रसिद्ध स्वामीनारायण मंदिर में एक अभियान यात्रा के दौरान जॉनसन ने पीएम मोदी को नरेंद्र भाई कहकर संबोधित किया था.इसके अलावा वह सीमा पार से संचालित आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने की बात करते हैं.

इतना ही नहीं बोरिस की जीत व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी काफी अहम है. माना जा रहा है कि उनकी जीत से भारत- ब्रिटेन के बीच व्यावसायिक संबंध और भी मजबूत होंगे.

जॉनसन की जीत के बाद दोनों देशो के बीच रक्षा और सुरक्षा मामलों (विशेष रूप से साइबर सुरक्षा) में भी काफी प्रगति होने की उम्मीद है. साथ ही डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल, चिकित्सा पर्यटन, आयुर्वेद, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में सहयोग में भारत की भूमिका काफी बढ़ जाएगी.

पढ़ें- चीन की हिदायत- राजनयिकों के निष्कासन की अपनी गलती सुधारे अमेरिका

बोरिस की जीत के बाद आप्रवासी नीति में भी काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिसका सीधा फायदा युवा भारतीयों को मिलेगा, जिन्हें वर्तमान में अनदेखा किया गया है.

वैसे बोरिस जॉनसन पहले भी कई बार साफ तौर पर कह चुके हैं कि वह भारत के साथ अपने रिश्तों को बेहतर और बेहतर बनाना चाहते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details