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फ्रांस के राष्ट्रपति पर टिप्पणी से यूरोपीय संघ नाराज, तुर्की को चेताया

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रोन की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए जाने के बाद यूरोपीय संघ और तुर्की के बीच तनाव और बढ़ गया है. हालांकि, यूरोपीय संघ तत्काल कोई कार्रवाई से बच रहा है.

Recep Tayyip Erdogan
रेसेप तैयप एर्दोगन

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Published : Oct 26, 2020, 11:42 PM IST

ब्रुसेल्स : यूरोपीय संघ के कई अधिकारियों ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की टिप्पणियों की कठोर आलोचना की है. यूरोपीय संघ ने सोमवार को कहा कि तुर्की के नेता अगर संवाद को पटरी से नहीं उतारना चाहते हैं तो उन्हें अपना दृष्टिकोण बदलना चाहिए.

एर्दोगन ने शनिवार को कहा था कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के दिमाग की जांच की जरूरत है. एर्दोगन की यह टिप्पणी मैक्रों के इस महीने फ्रांस में शिक्षक की हत्या को इस्लामी आतंकवाद से जोड़ने का जवाब माना जा रहा है.

एर्दोगन की टिप्पणी के बाद फ्रांस ने शनिवार को घोषणा की कि वह परामर्श के लिए अपने राजदूत को तुर्की से बुला रहा है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय ने तुर्की के फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान पर भी ध्यान दिया है.

फ्रांस और तुर्की के बीच तनाव सीरिया, लीबिया और नागोर्नो-कराबाख, अजरबैजान को लेकर पहले से ही है.

ट्विटर पर रविवार को पोस्ट किए गए एक संदेश में यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने एर्दोगन की टिप्पणियों को अस्वीकार्य बताया. साथ ही तुर्की से टकराव के इस खतरनाक रास्ते काे छोड़ने का आग्रह किया.

यूरोपीय संघ के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने उकसाने, भूमध्य सागर में एकतरफा कार्रवाई करने और अब अपमान करने के लिए तुर्की को दोषी ठहराया.

इस महीने की शुरुआत में ही यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने दिसंबर में तुर्की के व्यवहार की समीक्षा करने पर सहमति व्यक्त की थी और एर्दोगन के उकसावे को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी.

टकराव से किसी को लाभ नहीं मिलेगा : यूरोपीय संघ
यूरोपीय संघ के प्रवक्ता पीटर स्टेनो ने कहा कि उन्होंने एर्दोगन की नवीनतम टिप्पणियों के बाद भी यूरोपीय संघ के मंत्रियों की तत्काल बैठक नहीं बुलाई है. हम स्पष्ट रूप से तुर्की की ओर से कार्रवाई और घोषणाओं में बदलाव की उम्मीद करते हैं.

उन्होंने कहा कि अभी विचार किया जा रहा है कि मामले में इंतजार करना चाहिए या कार्रवाई करना चाहिए. स्टेनो ने जोर देकर कहा कि तुर्की 27 देशों के ब्लॉक के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण भागीदार है और अधिक टकराव से किसी को भी लाभ नहीं मिलेगा.

यूरोपीय संघ को है तुर्की की जरूरत
तनाव में वृद्धि से तुर्की के यूरोपीय संघ में शामिल होने पर बातचीत में मदद नहीं मिली है. यूरोपीय संघ दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार ब्लॉक है. यह 2005 में शुरू हुआ था लेकिन हाल के वर्षों में इसमें एक ठहराव आ गया है.

तुर्की यूरोपीय संघ का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और यह ब्लॉक अंकारा पर प्रवासियों को ग्रीस और बुल्गारिया की सीमा में प्रवेश करने से रोकने पर निर्भर है.

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