ब्रुसेल्स : यूरोपीय संसद ने गुरुवार को म्यामांर की नेता आंग सान सू ची को अपने शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार के पूर्व विजेताओं के समूह से हटा दिया है और इसके लिए रोहिंग्या मुस्लिम जातीय समूह के दमन पर उनके कार्रवाई नहीं करने की वजह बताई गई है.
सत्ता में आने से पहले लंबे समय तक राजनीतिक बंदी रहीं सू ची की एक समय म्यामांर के सैन्य शासन के खिलाफ अहिंसक संघर्ष के लिए प्रशंसा हुई थी और उन्हें 1991 का नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था.
लेकिन पिछले कुछ सालों में म्यामां में रोहिंग्या समुदाय के दमन के लिए उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई है. 2017 में सेना की नृशंस उग्रवाद विरोधी कार्रवाई से बचने के लिए सात लाख से अधिक रोहिंग्या पड़ोसी बांग्लादेश चले गये थे.
ईयू की संसद ने एक बयान में कहा कि साखरोव पुरस्कार विजेताओं के समुदाय की सभी गतिविधियों से औपचारिक रूप से आंग सान सू ची को अलग करने का फैसला म्यामां में रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ जारी अपराधों को स्वीकार नहीं करने और उन पर कार्रवाई नहीं करने के ऐवज में लिया गया है.