लंदन : ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने स्मार्टफोन की स्क्रीन से लिए स्वाब का विश्लेषण किया. उन्होंने पाया कि नाक के स्वाब वाली पीसीआर जांच में संक्रमित पाए गए लोग स्मार्टफोन स्क्रीन से लिए गए स्वाब की जांच में भी संक्रमित पाए गए.
नई पद्धति के बारे में मंगलवार को जर्नल ई-लाइफ में बताया गया है. इस पद्धति ने 81 से 100 प्रतिशत संक्रमित लोगों के स्मार्टफोन पर वायरस की मौजूदगी का पता लगाया, जो एक सटीक जांच साबित हो सकती है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि इस पद्धति के तहत नमूने एकत्र करने में एक मिनट से भी कम समय लगता है और इसमें मेडिकल कर्मी की भी जरूरत नहीं पड़ती. यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थलमोलॉजी के रोद्रिगो यंग ने कहा कि कई लोगों की तरह मैं भी खासतौर पर कम आय वाले देशों में महामारी के सामाजिक और आर्थिक्र प्रभावों को लेकर चिंतित था.