रोम/बीजिंग : पूरे विश्व में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1,10,000 के पार हो गई है. साथ ही इससे 4011 से अधिक लोगों की मौत हुई है. चीन इससे सबसे अधिक प्रभावित देश बना हुआ है. जहां यह वायरस पिछले वर्ष सबसे पहले सामने आया था. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरोना वायरस सामने आने के बाद पहली बार वायरस प्रभावित वुहान का दौरा किया है.चीन में 80 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं. विभिन्न देशों की सरकारें कोरोना वायरस से निपटने के लिए संघर्ष कर रही हैं. यूरोप में देशों ने सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित होने पर रोक लगा दी है, खेल कार्यक्रमों में उपस्थिति सीमित कर दी है और स्कूल बंद कर दिए हैं. उत्तरी इटली के लाखों लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक लगाई गई है. इससे पहले ऐसे उपाय चीन और अन्य एशियाई देशों में किए गए थे.
चीन में संक्रमण चरम पर
संकेत मिले हैं कि चीन और दक्षिण कोरिया में संक्रमण अपने चरम पर पहुंच गया है. चीन ने कहा कि उसने अधिकतर अस्थाई अस्पतालों को बंद कर दिया है जिन्हें संक्रमण के केंद्र वुहान और आसपास के मरीजों का इलाज करने के लिए खोला गया था. चीन में संक्रमण के नए मामलों में रिकॉर्ड कमी आई है.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि पूरे देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 40 नए मामले आए, जो जनवरी से दर्ज हो रहे मामलों में सबसे कम है. चीन अकेला देश है जहां 75 प्रतिशत संक्रमण के मामले आए हैं.
चीन के बाद इटली सबसे ज्यादा प्रभावित
चीन के बाहर कोरोना वायरस का सबसे अधिक प्रकोप इटली में है. वहां इससे 366 लोगों की मौत हो गई है, जबकि इससे संक्रमित 7375 मामले सामने आए हैं.
रोम सरकार देश के उत्तरी क्षेत्र को सील करने का प्रयास कर रही है जहां करीब डेढ़ करोड़ लोग रहते हैं जो कि कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित है. रोम सरकार ने एक बड़े क्षेत्र में यात्रा पर रोक लगा रही है जिसमें वेनिस और मिलान शहर शामिल हैं.
इटली में पुलिस रेलवे स्टेशनों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर रही है और उत्तरी इलाके में कारों को सड़क पर आने से रोक रही है. मिलान से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.
कोरोना वायरस से करोड़ों लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई हैं क्योंकि स्कूल बंद हैं , घरों में दैनिक जरूरतों के सामान की कमी हो गई है और यात्रा प्रतिबंध लगाए गए हैं. इटली नया देश है जिसने इस तरह के कड़े कदम उठाए हैं.
हालांकि, इटली के अधिकारियों की चुनौती संक्रमण से भयभीत 23 जेलों के कैदियों के प्रदर्शन और दंगे से बढ़ गई है, जिसमें कई लोग मारे गए हैं.
इटली में फैली महामारी से अन्य यूरोपीय देश अभी अधिक प्रभावित नहीं हैं. वहीं ब्रिटेन के अखबार टेलीग्राफ ने खबर दी है कि मिलान जैसे संक्रमण के केंद्रों से आ रहे यात्रियों की अभी भी कोरोना वायरस की जांच नहीं की जा रही है.
दक्षिण कोरिया में 51 की मौत
कोरिया के रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र (केसीडीसी) ने बताया कि रविवार को 248 संक्रमण के मामले आए, जिसके साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 7,382 पहुंच गई और 51 लोगों की मौत हो गई है.
दक्षिण कोरिया चीन के बाद दूसरा देश है जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमण के सबसे अधिक मामले दर्ज किए हैं. हालांकि, दो हफ्ते में पहली बार किसी एक दिन में सबसे कम नए मामले सामने आए.
ईरान में 600 नए मामलों की पुष्टि
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ईरान में सोमवार को 600 नए मामलों की पुष्टि हुई है, जिससे संक्रमितों की संख्या 7000 के पार पहुंच गई है. ईरान में 43 और लोगों की मौत हो गई, इसके साथ ही ईरान में वायरस से मरने वालों की संख्या 237 हो गई है.
अमेरिका बन सकता है संक्रमण का अगला केंद्र
इस बात को चिंता लेकर बढ़ रही है कि दुनिया की सबसे बड़ी और जुड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश अमेरिका कोरोना वायरस संक्रमण का अगला केंद्र बन सकता है.
अमेरिका में कोरोना वायरस से 21 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमितों की संख्या रविवार को 500 से ऊपर पहुंच गई है जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन कैलिफोर्निया के तट पर वायरस से संक्रमित यात्रियों से भरे क्रूज जहाज से निबटने के लिए संघर्ष कर रहा है.
ग्रैंड प्रिंसेज ने सोमवार को ओकलैंड के तट पर लंगर डाला, जिसमें 21 कोरोना वायरस संक्रमितों सहित 3500 लोग सवार हैं. ट्रंप का कहना है कि यात्रियों को जहाज में ही रहना चाहिए. हालांकि, इस बारे में कोई योजना घोषित नहीं की गई है.
राष्ट्रपति ट्रंप पर कोरोना वायरस की महामारी पर गलत सूचना देने के आरोप लग रहे हैं. हालांकि, रविवार को उन्होंने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि मीडिया उनकी सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है. ट्र्रम्प ने ट्वीट किया कि ह्वाइट हाउस बेहतरीन तरीके से समन्वय कर रहा है और उसके पास कारगर योजना है.
एनएनजेड बैंक के बाजार शोधकर्ता ने कहा कि ट्रम्प की अनिश्चित प्रतिक्रिया से वैश्विक वित्त जगत में अनिश्चितता बढ़ रही है.
उन्होंने कहा, 'संकट से निपटने में अमेरिका की धीमी प्रतिक्रिया को लेकर चिंता से बाजार के भय को दूर करने में मदद नहीं मिली है. उन्होंने पारदर्शिता की कमी और खराब संवाद को रेखांकित किया.