दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

न्यूजीलैंड : दोषी को सजा मिलने के बाद आज मस्जिद में की गई नमाज अदा - मस्जिद में हुई गोलीबारी

क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हमला करने वाले ब्रेंटन हैरिसन टारेंट को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस दौरान वह पैरोल भी नहीं ले सकता है. इन हमलों में 51 लोगों की मौत हुई थी. वहीं न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने भी अदालत के इस फैसले की सराहना की है. वहीं आज मस्जिद में नमाज अदा की गई.

kraistacharch masjid 20/5000 Christchurch Mosque
क्राइस्टचर्च मस्जिद

By

Published : Aug 28, 2020, 7:42 PM IST

वेलिंगटन:न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर हमला करने वाले ब्रेंटन हैरिसन टारेंट को गुरुवार को एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई और इस दौरान वह पैरोल भी नहीं ले सकता. आपको बता दें इस हमले में 51 लोगों की मौत हुई थी.वहीं शुक्रवार को मस्जिद में नमाज अदा की गई.

न्यायाधीश कैमरॉन मेंडर ने ऑस्ट्रेलाई हमलावर ब्रेंटन हैरिसन टारेंट (29) को उम्रकैद की सजा सुनाई. न्यायाधीश ने कहा कि टारेंट का अपराध इतना क्रूर है कि उम्रकैद की सजा उसके प्रायश्चित के लिए काफी नहीं हो सकती. मेंडर ने कहा तुम्हारी हरकत अमानवीय थी. तुमने जानबूझकर तीन साल के एक बच्चे की हत्या की, जो अपने पिता के पैर से लिपटा था.

पहली बार अदा की गई नमाज

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया मूल के ब्रेंटन टारेंट (29) ने पिछले साल 15 मार्च को मध्य क्राइस्टचर्च की अल नूर मस्जिद और शहर के बाहरी हिस्से में लिनवुड मस्जिद पर गोलीबारी की थी. इस पूरी घटना का वीडियो फेसबुक पर लाइव प्रसारित भी किया गया था.

सजा पर फैसले के लिए सुनवाई चार दिन तक चली और इस दौरान हमले के 90 पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों ने एक बार फिर हमले का वह खूनी मंजर याद किया.

प्रधानमंत्री ने की कोर्ट के फैसले की सराहना
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने अदालत के इस फैसले की सराहना की और कहा कि 'इससे देश के मुस्लिम समुदाय को ताकत मिलेगी'.

उन्होंने कहा कि 'मुझे आशा है कि इस पूरी प्रक्रिया के माध्यम से मैं लोगों के दर्द को दूर नहीं कर सकती, लेकिन मैं लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार हूं.

क्राइस्टचर्च मस्जिद हमलाः

न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च के अल नूर मस्जिद और लिनवुड इस्लामिक सेंटर में 15 मार्च 2019 को गोलीबारी हुई थी. गोलीबारी में कम से कम 51 लोग मारे गए थे और कम से कम 20 लोग घायल हुए थे.पुलिस को दो कार बम मिली थे जिन्हें अधिकारियों द्वारा नाकाम कर दिया गया था. इस हमले को प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न और कई सरकारों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी हमला बताया था.

बिना पैरोल की सजा का मतलब है कि दोषी को सजा की कुछ अवधि बिताने के बाद जेल से बाहर निकलने का मौका नहीं मिलेगा.29 साल के ऑस्ट्रेलियाई ब्रेंटन टैरेंट ने 51 लोगों की हत्या, अन्य 40 की हत्या की कोशिश और आतंकवाद के एक आरोप को स्वीकार कर लिया था. जज ने कहा कि ब्रेंटन ने जो किया वह अमानवीय और निर्दयता भरा था.

पढ़ें : न्यूजीलैंड में दो मस्जिदों में गोलीबारी के दोषी को उम्रकैद की सजा

ABOUT THE AUTHOR

...view details