लिबोर्न (फ्रांस): साल 2020 लगभग पूरा ही कोरोना वायरस संबंधी महामारी के साए में निकल गया. इस साल कोई भी त्योहार, कोई भी अवसर पहले जैसा नहीं रहा, बल्कि रोजमर्रा की दिनचर्या तक सामान्य नहीं रही. उन्मुक्त कुलांचे भरने वाले बच्चे भी वायरस के खौफ से घरों में कैद होकर रह गए.
अब दुनियाभर के बच्चों के सपनों को पूरा करने वाला त्योहार क्रिसमस करीब है और बच्चों ने अपने प्रिय सांता क्लॉज को चिट्ठियां भेज अपनी इच्छाएं और मन की बात बताई है. इन पत्रों में बच्चों ने जो बातें लिखी हैं, वे बताती हैं कि इस महामारी ने बच्चों के मन पर भी बहुत बुरा असर डाला है और एक अनजाना सा डर उनके भीतर समा गया है.
हर तीन में से एक पत्र में महामारी का जिक्र
सांता को भेजे जाने वाले पत्र फ्रांस के एक डाकघर में आते हैं. इन पत्रों को छांटने वाले लोगों का कहना है कि, हर तीन में से एक पत्र में कोरोना वायरस संबंधी महामारी का जिक्र है.
पांच साल की अलीना का पत्र
पांच साल की अलीना ने किसी बड़े व्यक्ति की मदद से भेजे पत्र में सांता से आगे के दरवाजे से आने का अनुरोध किया और कहा कि, पीछे के दरवाजे से केवल दादा-दादी आते हैं ताकि वे इस वायरस से बचे रह सकें.
ताइवान के रहने वाले नन्हे जिम ने सांता को भेजे गए अपने लिफाफे में एक फेस मास्क भी डाल दिया और लिखा 'आई लव यू'.
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दस वर्षीय लोला ने सांता को लिखा कि उसकी आंटी को फिर से कैंसर न हो और यह वायरस भी खत्म हो जाए. लोला ने आगे लिखा कि, मां मेरी देखभाल करती हैं और कभी-कभी मुझे उनके लिए डर लगता है. उसने सांता से भी अपना ध्यान रखने को कहा.
पत्रों को छांटकर भेजा जाता है जवाब
दक्षिण-पश्चिम फ्रांस के एक डाकघर में इस वर्ष सांता को लिखे हजारों पत्र, कार्ड, नोट आ रहे हैं, जहां इन पत्रों को छांटा जाता है और उनका जवाब भेजा जाता है.
सांता से बच्चों ने की ये डिमांड
नन्हें जो ने इस बार सांता से केवल एक म्यूजिक प्लेयर और अम्यूजमेंट पार्क की टिकट मांगी है, क्योंकि 'कोविड-19 के कारण यह साल पहले से अलग है. जो ने लिखा कि, संक्रमण से बचे रहने के लिए ही मैं इस बार आपसे ज्यादा कुछ नहीं मांग रहा हूं.
1962 से इसी डाकघर में आ रहे हैं सांता के सारे पत्र
दुनिया के किसी भी कोने से 'पेर नोएल' यानी फादर सांता को लिखा कोई भी पत्र अपना रास्ता फ्रांस के बोर्डो क्षेत्र के इस डाकघर तक बना ही लेता है. सांता के नाम पर आने वाली सारी डाक 1962 से इस डाकघर में आती हैं.