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बहुसंख्यक देशों की चुप्पी के कारण उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार : ब्रिटिश पत्रकार

चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के लिए पत्रकार नाइस कोहेन ने मुस्लिम या बहुसंख्यक देशों की चुप्पी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि वह देश मुस्लिम एकजुटता की बात तभी करते हैं, जब वह उनके लिए अनुकूल होता है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी माओ युग के एकपक्षीय शासन और डर को फिर से लेकर आना चाहती है.

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Published : Jul 7, 2020, 5:07 PM IST

human rights violations in china
human rights violations in china

लंदन : उइगर मुस्लिमों पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के लिए पाकिस्तान जैसे मुस्लिम-बहुसंख्यक देशों की चुप्पी जिम्मेदार है. ब्रिटिश पत्रकार नाइस कोहेन ने कहा है कि उइगर मुस्लिमों पर इसलिए अत्याचार हो रहा है क्योंकि मुस्लिम-बहुसंख्यक देश आवाज नहीं उठा रहे हैं.

प्रतिष्ठित अखबार में छपे एक लेख में नाइस कोहेन ने लिखा कि विश्वभर में कोविड-19 को फैलाने के लिए चीन की आलोचना हो रही है. वह मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार कर रहा है. लेख में कोहेन ने कहा कि जिन लोगों को इसके खिलाफ सबसे ज्यादा आवाज उठानी चाहिए वह सिर झुकाए मौन बैठे हैं. वह मुस्लिम एकजुटता की बात तभी करते हैं, जब वह उनके लिए अनुकूल होता है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी माओ युग के एकपक्षीय शासन और डर को फिर से लेकर आना चाहती है.

चीन के विद्वान एड्रियन जेनज ने बताया कि उइगल मुस्लिमों की आबादी को कम करने के लिए चीन अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने को कहता है. उन्हें अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आयूडी) लगवाने के अलावा नसबंदी करवाने तथा लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर करता है.

देशभर में जहां आईयूडी के इस्तेमाल और नसबंदी में गिरावट आई है, वहीं शिनजियांग में यह तेजी से बढ़ रहे हैं. जनसंख्या नियंत्रण के इन उपायों पर जोर बड़े पैमाने पर लोगों को हिरासत में लेकर दिया जाता है. निरोध केंद्र में भेजे जाने को धमकी के साथ ही जन्म दर पर काबू करने में विफल रहने पर दी जाने वाली सजा का इसके लिए इस्तेमाल किया जाता है.

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