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नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज, 26 अप्रैल को होगी सुनवाई

लंदन की अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने गत 19 मार्च को पुलिस की गिरफ्त में आए नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

नीरव मोदी (फाइल फोटो)

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Published : Mar 29, 2019, 6:36 PM IST

Updated : Mar 29, 2019, 11:55 PM IST

लंदन: वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी लंदन पुलिस की गिरफ्त में रहेंगे. कोर्ट में अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी. अगली सुनवाई में नीरव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जैसे हीवेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव मोदी की याचिका खारिज की भारतीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को काफी खुश देखा गया.

नीरव मोदी के वकील ने कहा कि उन्हें एक स्पेशल फोन दिया जाना चाहिए, जो अधिकारियों की निगरानी में हो.

नीरव मोदी के वकील ने जमानत की शर्तों का जिक्र करते हुए नजरबंद किए जाने और इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग जैसे विकल्प सुझाए.

भारतीय प्राधिकरण का पक्ष रख रहे क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने पहली सुनवाई के दौरान कहा था कि नीरव मोदी करीब दो अरब डॉलर के मनी लॉड्रिंग एवं धोखाधड़ी के मामले में वांछित है.

वकील ने इन विकल्पों को सामान्य से ज्यादा सख्त करार दिया. इसमें पूरे दिन इलेक्ट्रॉनिक टैग मॉनिटरिंग समेत नजदीकी पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाने जैसी शर्तें शामिल हैं.

भारतीय प्राधिकरण की तरफ से पेश हुए क्राउन प्रॉसेक्यूशन सर्विस के टॉबी कैडमैन ने लंदन की कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी ने एक गवाह 'आशीष लाड' को बुलाकर, उसे जान से मारने की धमकी दी थी.

भारतीय अधिकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील टॉबीकैडमैन ने बताया कि अगर नीरव मोदी को जमानत मिली, तब वे हाईकोर्ट में अपील करेंगे.

टॉबी क्राउन प्रॉजीक्यूशन के प्रतिनिधि हैं. उन्होंने कहा कि वे नीरव मोदी को गिरफ्त में रखने की पूरी कोशिश करेंगे.

बता दें कि नीरव मोदी को 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार किया गया था. जमानत याचिका रद्द होने पर वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव मोदी को हिरासत में भेजा था.

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नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये के कर्ज की धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं. नीरव मोदी को पिछले सप्ताह लंदन में गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहले क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने भारतीय प्राधिकरण की ओर से अदालत में अतिरिक्त सबूतों के दस्तावेज पेश किये.


मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने इस बारे में टिप्पणी की, 'यह महज कुछ कागजों वाली बड़ी फाइल है.' अर्बथनॉट ने ही पिछले साल दिसंबर में विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था.

सूत्रों के मुताबिक नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की संयुक्त टीम गत 27 फरवरी की रात लंदन रवाना हुई है. टीम में दोनों एजेंसियों के संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी शामिल हैं.

इससे पहले जिला न्यायाधीश मैरी मैलोन की अदालत में पहली सुनवाई में नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है. नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड ने मध्य लंदन की एक बैंक शाखा से गिरफ्तार किया था. वह वहां नया खाता खुलवाने गया था.


अधिकारी के अनुसार, लंदन गई टीम सीबीआई और ईडी द्वारा नीरव मोदी, उनकी पत्नी एमी मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी व अन्य के खिलाफ दर्ज आरोप पत्र की प्रतियां व अन्य जरूरी दस्तावेज साथ ले गई है.

बताया जाता है कि ईडी नीरव मोदी और उनकी सहयोगी कंपनियों की 147 करोड़ की जायदाद से संबंधित दस्तावेज साथ ले गई है. पीएनबी धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने 26 फरवरी को यह जायदाद जब्त की थी.

सूत्रों के मुताबिक संयुक्त टीम लंदन में स्थानीय प्राधिकरणों को ये कागजात प्रदान कर नीरव मोदी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में मदद कर रही है.

Last Updated : Mar 29, 2019, 11:55 PM IST

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