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आर्मीनिया-आजरबैजान में संघर्ष विराम, एक दूसरे पर हमलों का आरोप - allegations of attacks

आर्मीनिया और आजरबैजान ने संघर्ष विराम समझौते के बाद भी एक दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

आजरबैजान में संघर्ष विराम
आजरबैजान में संघर्ष विराम

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Published : Oct 12, 2020, 7:15 PM IST

येरेवान: आर्मीनिया और आजरबैजान ने रूस की मदद से संघर्ष विराम समझौता प्रभावी होने के बावजूद सोमवार को नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर एकदूसरे पर हमले करने के आरोप लगाया है.

संघर्ष विराम गत शनिवार को लागू हुआ था, लेकिन दोनों पक्षों की इसके तुरंत बाद उल्लंघन करने के दावे किये गए. यह सप्ताहांत और सोमवार सुबह तक जारी रहा.

आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता शुशान स्टीपैनियन ने कहा कि आजरबैजानी बल संघर्ष वाले दक्षिणी मोर्चे पर व्यापक गोलीबारी कर रहे हैं.

इस बीच आजरबैजानी रक्षा मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि आजरबैजान संघर्षविराम का पालन कर रहा है, लेकिन आर्मीनियाई बल आजरबैजान के गोरनबॉय, तेरतेर और अगदम क्षेत्रों पर गोलाबारी कर रहे हैं, जो कि नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र के आस-पास स्थित है.

आजरबैजान और आर्मीनिया की सेनाओं के बीच हालिया लड़ाई 27 सितंबर को शुरू हुई थी. नागोर्नो-काराबाख को लेकर इस संघर्ष में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. यह इलाका आजरबैजान में आता है, लेकिन इस पर आर्मीनिया समर्थित आर्मीनियाई जातीय समूहों का नियंत्रण है.

पढ़ें-ब्रसेल्स : आर्मीनिया के लोगों ने ईयू बिल्डिंग के पास किया प्रदर्शन

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हस्तक्षेप के बाद आर्मीनिया और आजरबैजान के विदेश मंत्रियों ने मॉस्को में एक संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की देखरेख में मास्को में वार्ता के बाद शनिवार दोपहर को संघर्ष विराम प्रभावी हुआ था. इस समझौते में तय किया गया था कि संघर्ष विराम से संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए.

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