बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने रविवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि देश के दक्षिण पश्चिम सिचुआन प्रांत को तिब्बत में लिन्झी तक जोड़ने वाली 47.8 अरब डॉलर की रेल परियोजना के निर्माण में तेजी लाएं. उन्होंने कहा कि तिब्बत में रेल लाइन का निर्माण सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. बता दें, लिन्झी, अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा के नजदीक है.
अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित है
चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक सिचुआन-तिब्बत रेलवे, छिनघाई-तिब्बत रेल परियोजन के बाद दूसरी रेलवे लाइन है. यह छिनघाई-तिब्बत पठार के दक्षिण पूर्व से गुजरेगा. सिचुआन-तिब्बत रेलवे चेंगदू से प्रारंभ होता है, जो सिचुआन प्रांत की राजधानी है और यान तथा कामदो होते हुए तिब्बत में प्रवेश करता है. जिससे चेंगदू से ल्हासा के बीच की दूरी 48 घंटे से कम होकर 13 घंटे रह जाती है. लिन्झी को न्यींगची के नाम से भी जाना जाता है और यह अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित है.
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परियोजना की अहम भूमिका पर दिया जोर
लिन्झी में एक हवाई अड्डा भी है, जो चीन द्वारा हिमालयी क्षेत्र में बनाए गए पांच हवाई अड्डों में से एक है. सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक यान- लिन्झी मार्ग 1011 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 26 स्टेशन पड़ते हैं. इस मार्ग पर रेलगाड़ियां 120 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं. पूरे सिचुआन-तिब्बत रेल परियोजना की लागत 47.8 अरब डॉलर है. परियोजना के निर्माण से पहले शी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में इसे नये युग में तिब्बत के प्रशासन में कम्युनिस्ट पार्टी की योजना का अहम हिस्सा बताया और राष्ट्रीय एकता की सुरक्षा, जातीय एकजुटता को बढ़ावा देने और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता को मजबूत करने में परियोजना की अहम भूमिका पर जोर दिया. सरकारी शिन्हुआ संवाद समिति ने खबर दी कि सिचुआन-तिब्बत रेलवे के यान-न्यींगची सेक्शन पर निर्माण कार्य की शुरुआत से पहले उन्होंने ये निर्देश दिए.