यरूशलम : इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा कि ईरान का राष्ट्रपति चुनाव विश्व शक्तियों के लिए, तेहरान के साथ परमाणु समझौते पर लौटने से पहले 'जागने' का संकेत है. ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में न्यायपालिका प्रमुख कट्टरपंथी इब्राहिम रईसी 62 प्रतिशत वोट हासिल कर पद पर काबिज हो गए हैं.
1988 में ईरान-इराक युद्ध के अंत में हजारों राजनीतिक कैदियों को मौत की सजा देने के मामले में रईसी की संलिप्तता के चलते अमेरिका उन पर प्रतिबंध लगा चुका है. हालांकि रईसी ने इस मामले में विशेष रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है.
बेनेट ने यरूशलम में हुई कैबिनेट बैठक में कहा कि (ईरान के सर्वोच्च नेता) खामनेई जिन लोगों को चुन सकते थे. उनमें से उन्होंने तेहरान के जल्लाद को चुना, जो ईरान के हजारों निर्दोष नागरिकों को मौत की सजा देने वाली समितियों की अगुवाई करने के लिये ईरानियों और दुनियाभर के देशों के बीच कुख्यात है.
गौरतलब है कि ईरान और दुनिया के शक्तिशाली देशों की बीच 2015 में परमाणु समझौता हुआ था. इसके तहत ईरान को परमाणु कार्यक्रम में कटौती करने के बदले प्रतिबंधों में छूट दी गई थी. लेकिन 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इससे बाहर कर लिया था.