नई दिल्ली : हाल ही में अमेरिका द्वारा इराक में ईरानी खुफिया सेवा के प्रमुख को निशाना बनाने के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया. अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी खुफिया सेवा के शीर्ष अधिकारी कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी, जिसके चलते ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी है. इस धमकी के बाद अपेक्षा के अनुरूप अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है...
जी हां, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान की धमकी का जवाब दिया है और कहा है कि उसके निशाने पर ईरान के बेहद अहम 52 स्थान हैं. यदि ईरान ने कोई गुस्ताखी की तो वह बहुत जल्द घातक जवाबी कार्रवाई करेगा. दरअसल ट्रंप ने चेतावनी देते हुए जिस संख्या का जिक्र किया है, वह बेहद अहम है और इसके अपने ऐतिहासिक मायने हैं. चलिए आपको बताते हैं कि ट्रंप ने जिस 52 संख्या का जिक्र किया है वह क्या है? इस संख्या का अमेरिका और ईरान से क्या संबंध है?
ट्रंप ने जिस संख्या का जिक्र किया है, उसका संबंध 4 नवंबर 1979 के ईरान बंधक संकट से है, जो उस समय अमेरिका और ईरान के बीच एक कूटनीतिक गतिरोध बना था.
दरअसल, ईरान के लोग तत्कालीन हुकमरान रजा शाह पहलवी की सरकार से तंग आ चुके थे, जिसे अमेरिका और ब्रिटेन का समर्थन हासिल था. तभी सरकार से आक्रोशित कुछ लोग कट्टर इस्लामी धर्मगुरु आयातुल्लाह रूहुल्लाह खुमैनी के आंदोलन के प्रभाव में आए. उन्होंने ईरान के लोगों के हित की बात की. उन्होंने वादा किया कि पुराने निजाम को उखाड़ फेकेंगे और ईरान के लोगों को पूरा अख्तियार दिलाएंगे.
जुलाई 1979 में क्रांतिकारियों ने शाह को अपनी सरकार गिराने के लिए मजबूर कर दिया. रजा शाह पहलवी डरकर मिस्र भाग गया और ईरान में खुमैनी के नेतृत्व में इस्लामिक सरकार का गठन हो गया.