हैदराबाद : कोरोना वायरस संकट के बीच चीन में एक बार फिर जानलेवा मंकी बी वायरस ने दस्तक दी है. इसकी चपेट में आने से चीन एक वेटिनरी डॉक्टर की मौत हो गई. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रेवेंशन ( सीडीसी) के मुताबिक यह चीन में बंदर से इंसान के संक्रमित होने का पहला पुष्ट मामला है. चीन ने सीडीसी के वीकली जर्नल के जरिये इस वायरस की जानकारी दुनिया को दी है. इस वायरस को वी-वायरस ( B-virus) भी कहते हैं.
चीन के सीडीसी जर्नल के मुताबिक, मंकी बी वायरस ( बीवी) बीजिंग में 53 वर्षीय पशु चिकित्सक जानवरों पर अनुसंधान करने वाली संस्था के लिए काम करते थे. उन्होंने मार्च में दो मरे हुए बंदरों पर रिसर्च किया था. अप्रैल में मतली और उल्टी के शुरुआती लक्षण डॉक्टर में दिखने लगे. संक्रमित डॉक्टरों का चीन के कई अस्पतालों में उपचार किया गया. 27 मई को उनकी मौत हो गई. रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ' मंकी बी' वायरस का शिकार बने वेटनरी डॉक्टर के करीबी संपर्क में रहे किसी अन्य व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है. चीन में अब तक बी. वायरस के संक्रमण से मौत या देश में इसकी मौजूदगी का कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है.
क्यों जानलेवा है मंकी-बी वायरस
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे संक्रमित लोगों की मरने की दर 70 से 80 पर्सेंट है. इसके लिए कोई वैक्सीन ईजाद नहीं हुई है. बीमारी के शुरुआती लक्षणों के दौरान ही इसका एंटी वायरल दवाओं से इलाज हो सकता है, इसलिए इसे कोरोना से भी घातक माना जा रहा है. अमेरिका के नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक वी-वायरस इंसानों में प्रवेश करते ही नर्वस सिस्टम पर हमला करता है. बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, ब्रेन और रीढ़ की हड्डी में सूजन इसके लक्षण हैं. वायरस के संपर्क में आने के बाद एक से तीन सप्ताह के भीतर शुरुआती लक्षण दिखने लगते हैं
मंकी बी वायरस क्या है?