दुबई : अफगानिस्तान के विरोधी खेमे दशकों के संघर्ष के बाद दीर्घकालिक शांति के मकसद से शनिवार को लंबे समय से अपेक्षित वार्ता शुरू करेंगे. इससे अमेरिका और नाटो सैनिकों की करीब 19 साल के बाद अफगानिस्तान से वापसी का रास्ता साफ होगा.
कतर में बातचीत शुरू होगी जहां अफगानिस्तान तालिबान के आतंकवादियों का राजनीतिक दफ्तर है. यह बातचीत नवंबर में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप प्रशासन द्वारा संचालित अनेक कूटनीतिक गतिविधियों में एक है.
अफगानिस्तान के विरोधी धड़ों की वार्ता अफगानिस्तान की आंतरिक वार्ता की शनिवार को शुरुआत के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी मौजूद रहेंगे. इससे पहले दो खाड़ी देशों-बहरीन ने शुक्रवार को तथा संयुक्त अरब अमीरात ने इस महीने की शुरुआत में अमेरिका की मध्यस्थता में इजराइल को मान्यता दी.दोहा में होने जा रही रही वार्ता में अफगान सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकार और तालिबान का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा.
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वार्ता की औपचारिक शुरुआत के बाद दोनों पक्ष कठिन मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करेंगे. इनमें स्थायी संघर्ष विराम की शर्तें, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकार तथा दसियों हजार तालिबान लड़ाकों का निरस्त्रीकरण शामिल है.दोनों पक्ष संवैधानिक संशोधनों और सत्ता बंटवारे पर भी बातचीत कर सकते हैं.